महिला का यौन शोषण करनेवाले उत्तर प्रदेश के पुलिस हवलदार के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट

पीडित महिला को जान से मारने की धमकी देने के प्रकरण में उसकी सिपाही पत्नी पर भी अपराध प्रविष्ट किया गया है ।

देहली में भगवा ध्वज का अपमान करने वाले अजीम को बंदी बनाया !

अजीम के विरोध में धारा १५३ अ (दो धार्मिक समूहों में घृणा निर्माण करना) और धारा २९५ अ (जानबूझकर एक धार्मिक समूह के आस्था केंद्र का अपमान करना) इन धाराओं के अंतर्गत अपराध प्रविष्ट कर पुलिस ने उसे बंदी बनाया ।

सूरत में मादक (नशीले) पदार्थों की तस्करी प्रकरण में हिना शेख को बंदी बनाया गया ।

अल्पसंख्यक मुसलमान अपराध क्षेत्र में बहुसंख्यक होते हैं !

बनावटी और निकृष्ट औषध निर्माण के कारण १८ प्रतिष्ठानों की अनुज्ञप्ति निरस्त !

इनकी अनुज्ञप्ति निरस्त करने के साथ-साथ इन्हें कारागार भी भेजा जाना चाहिए !

युवति को बलपूर्वक वेश्याव्यवसाय के लिए बाध्य करवानेवाले आजन्म कारावास से दंडित ! 

ऐसे लोगों को सार्वजनिक रुप से फांसी पर चढाने का प्रावधान संविधान में आवश्यक !

होली खेलते समय वाहन पर पानी का गुब्बारा फेंकने से एक व्यक्ति ने बच्चों को मार डालने की धमकी दी

पुलिस ने उस व्यक्ति के विरुद्ध परिवाद प्रविष्ट किया है ।

नक्सलवादियों को राजनीतिक दलों का संरक्षण ! – शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती, गोवर्धन पुरी पीठ

यह स्थिति लोकतंत्र को गंभीर रूप से पराजित करनेवाली है, सामान्य लोगों को ऐसा ही लगेगा !

बांग्लादेश में तस्करी कर ब्लेड बनाए जाने के कारण ५ रुपए के पुराने सिक्के बंद किए गए !

रिजर्व बैंक ने ५ रुपए के पुराने सिक्के बंद कर, इसके बदले नए सिक्के जारी किए हैं । इसके पीछे का कारण चकित करने वाला है । ५ रुपए के पुराने सिक्के अधिक भारी थे । इसमें धातु की मात्रा अधिक थी ।

खालिस्तानी संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के साथी को पुलिस ने छोडा !

खालिस्तानियों के थाने को हजारों की संख्या में सशस्त्र होकर घेर लेने पर पुलिस ऐसे ही पीछे हट जाएगी, तो खालिस्तानवादियों का मनोबल बढकर राज्य में उनका दहशत निर्माण होने को बढावा मिलनेवाला है । यह रोकने के लिए केंद्र सरकार को अब तो हस्तपेक्ष करना चाहिए !

‘खालिस्तान के हमारे लक्ष्य को वर्जित रुप में न देखें !’ – खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह

खालिस्तानवादी अब खुले रूप से उनके बंटवारे के लक्ष्य को जनसमर्थन पाने का प्रयास कर रहे हैं, यही इससे स्पष्ट होता है ! क्या सरकार अब खालिस्तानी आंदोलन को कुचलेगी ?