गाय के गोबर से बने मिथेन पर ट्रैक्टर चलेगा !
गाय का महत्त्व अब विदेश में भी सिद्ध होने लगा है । यह ध्यान में लेते हुए भारत सरकार गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाकर गोधन संवर्धन के लिए कदम उठाएगी क्या ?
गाय का महत्त्व अब विदेश में भी सिद्ध होने लगा है । यह ध्यान में लेते हुए भारत सरकार गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाकर गोधन संवर्धन के लिए कदम उठाएगी क्या ?
गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देना चाहिए, ऐसी मांग करने वाली याचिका उच्चतम न्यायालय ने नकार दी । इस पर सुनवाई करने से ही न्यायालय ने इन्कार कर दिया ।
‘गोपालन करनेवाले भगवान श्रीकृष्ण के कारण उस समय भारत समृद्ध था । आज के समय की सर्वदलीय सरकारों द्वारा सर्वत्र गोवंश हत्या करनेवाले पशुवधगृह चलाने के कारण आज भारत निर्धन होकर इस दयनीय स्थिति तक पहुंच गया है ।’
पृथ्वी, आप, तेज, वायु एवं आकाश इन पंचमहाभूतों के आधार से सृष्टि की उत्पत्ति हुई और उसका चलन भी चल रहा है । गाय इन पंचमहाभूतों की माता है । काल के प्रवाह में उसकी ही अवहेलना होने से आज सर्वत्र सभी प्रकार का गंभीर प्रदूषण बढा है ।
आज देश के ३६,००० पशुवधगृहों में गोवंश की हत्या की जाती है । उसके कारण वर्ष १९४७ में देश में उपलब्ध ९० करोड का गोधन अब केवल १ करोड ही बचा है । हिन्दुओं, इस धर्महानि को रोकने के लिए गोरक्षा कीजिए !
स्वतंत्रताप्राप्ति से लेकर आज तक भौतिकवाद के कारण, दैवी विचार शून्य होने के कारण ऋषियों के विचार जिस भूमि से उत्पन्न हुए, वहीं आज वे नष्ट होने के पथ पर होने से निर्धनता, अकाल, अनाचार, भ्रष्टाचार, अनीति, कृत्रिमता, दिखावा तथा भौतिक सुख में वृद्धि होने की लालसा जैसे दुर्गुणों की वृद्धि हुई है ।
३३ करोड देवी-देवताओं का जिसमें वास है (देवताओं के तत्त्व आकर्षित करनेवाली), ऐसी गोमाता हिन्दुओं के लिए पूजनीय है । प्रतिदिन गोग्रास देना, मंगलसमय पर गोपूजन, गोदान करने के लिए गोपालन करने का भी प्रयास करें ! अपनी क्षमतानुसार घर में सवत्स गोपालन करें !
‘केवल गोहत्याबंदी कानून करना पर्याप्त नहीं है, अपितु देश में गोपालक राज्यकर्ता होना भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है ।’ ऐसे राज्यकर्ता मिलने के लिए धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र नहीं, अपितु धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र ही चाहिए !
अधिकांश पूर्णकालीन गोरक्षकों को गोरक्षा का कार्य प्रतिदिन ७-८ घंटे का भी नहीं होता । जब गोरक्षा का कार्य नहीं होगा, उस समय उन्होंने हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए कार्य किया, तो उनके परिश्रम सर्वत्र के गायों की रक्षा हेतु सहायक सिद्ध होंगे ।
६० से अधिक औषधियां, सौैंदर्य-प्रसाधन तथा गृह एवं कृषि उपयुक्त उत्पादों की निर्मिति का सुगम मार्गदर्शन !