रामनाथी, गोवा में वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव उत्साहपूर्ण वातावरण में प्रारंभ !

खालिस्तानी आतंकवाद, हिन्दुओं के त्योहारों के दिन होनेवाले दंगे, समलैंगिक विवाह का समर्थन, ‘लिव-इन-रिलेशनशीप’ के व्यभिचार को मान्य रखना, अश्लीलता में वृद्धि इस के साथ ही अनेक हिन्दुओं के सामने अनेक समस्याएं हैं । उस पर धर्मनिरपेक्ष राज्यव्यवस्था में भी कोई समाधान नहीं है । शाश्वत हिन्दू राष्ट्र ही इस पर समाधान है ।

वर्तमान की सर्वश्रेष्ठ समष्टि साधना का लाभ उठाएं !

गुरुकार्य में, धर्मकार्य में एवं हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के कार्य में यथाशक्ति सहभागी होनेवाले जीवों का उद्धार होना निश्चित है । भारत को धर्माधिष्ठित राष्ट्र घोषित करने के लिए, अर्थात भारत में रामराज्य की स्थापना के लिए प्रयास करना ही वर्तमान काल की सर्वश्रेष्ठ समष्टि साधना है ।

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में गणमान्य व्यक्तियों का सम्मान!

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में अनिवासी भारतीय व्यवहार कार्यालय के आयुक्त तथा पूर्व सांसद श्री. नरेंद्र सावईकर उपस्थित हुए !

इस समय हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने पुष्पहार डालकर तथा श्रीकृष्ण का चित्र, शॉल तथा श्रीफळ देकर उनका सत्कार किया ।

चेन्नई के शिवाचारयार ट्रस्ट के न्यासी श्री. टी. एस्. साम्बमूर्ती कलिदोसजी का सत्कार

वैश्‍विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के चौथे दिन अर्थात १९ जून को चेन्नई के शिवाचारयार ट्रस्ट के न्यासी श्री. टी. एस्. साम्बमूर्ती कलिदोस का सत्कार करते हुए चेन्नई के सनातन के साधक श्री. बाळाजी कोल्ला 

फरीदाबाद (हरियाणा) में भव्य ‘हिन्दू एकता शोभायात्रा’ के माध्यम से ‘हिन्दू राष्ट्र’ का संकल्प

सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में सनातन संस्था की ओर से यहां भव्य ‘हिन्दू एकता शोभायात्रा’ निकाली गई । इस शोभायात्रा के माध्यम से १५० से अधिक हिन्दुओं ने ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना के लिए एकत्रित होने का संकल्प लिया ।

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के विषय में संतों द्वारा व्यक्त किए गए गौरवोद्गार

‘जो ब्रह्म को जानता है, वह स्वयं ही ब्रह्म बन जाता है’, वेदों में वर्णित यह वाक्य सार्थ करनेवाले सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी ! – पू. डॉ. शिबनारायण सेन

धर्माधारित हिन्दू राष्ट्र के लिए धर्मशिक्षा और संगठितत प्रयास आवश्यक ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

हमें स्वयं धर्मशिक्षा लेनी होगी और समाज को देनी होगी । यह एक प्रकार से धर्म की स्थापना का अर्थात पुरुषार्थ का कार्य है । ऐसा प्रतिपादन दिल्ली से उज्जैन यात्रा पर आए सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने किया । वे यहां के वेदनगर स्थित आनंद भवन में आयोजित हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे ।

परमाचार्य डॉ. देवकरण शर्माजी का अमृतत्व की ओर मार्गक्रमण ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे

वे सप्तर्षि गुरुकुल के संस्थापक परमाचार्य डॉ. देवकरण शर्मा अर्थात ‘देव’ के अमृत महोत्सव के अंतर्गत कालिदास अकादमी में आयोजित सम्मान एवं अभिनंदन ग्रंथ विमोचन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे । इस समय सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा देकर डॉ. देवकरण शर्माजी का सम्मान किया ।

‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ के लिए प.पू. समर्थ श्री त्र्यंबकेश्वर चैतन्य महाराजजी एवं अन्य संतों के आशीर्वाद !

हिन्दू राष्ट्र संपर्क अभियान के अंतर्गत हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने स्वस्तिक पीठाधीश्वर डॉ. अवधेश पुरी महाराजजी की भेंट लेकर उनसे हिन्दू राष्ट्र के विषय में संवाद किया