उदयपुर में कन्हैयालाल की जघन्य हत्या का प्रकरण
नई दिल्ली – जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना (इस्लामी विद्वान) हकीमुद्दीन कासमी ने उदयपुर में मुसलमानों द्वारा कन्हैयालाल का सिर काट कर हत्या किए जाने की निंदा की है। कासमी ने कहा, “जिन लोगों ने यह कृत्य किया है, उन्हें उचित नहीं ठहराया जा सकता है।” यह कृत्य देश के कानून और हमारे धर्म के विरुद्ध है। किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। कासमी ने सभी नागरिकों से अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने और देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने का आवाहन किया है।
Udaipur Tension: Following the horrific killing, local markets in the area were shut as the traders demanded justice for the victim.https://t.co/hZTDIZsGsk
— Hindustan Times (@htTweets) June 29, 2022
राजस्थान में एक महीने के लिए धारा १४४ लागू !
राजस्थान के मुख्य सचिव ने धारा १४४ के अंतर्गत राज्यव्यापी निषेधाज्ञा लगा दी है और उदयपुर में २४ घंटे अंतरजाल सेवा को बंद करने का आदेश दिया है। कन्हैयालाल की हत्या की जांच के लिए एक विशेष जांच दल भी गठित किया गया है।
दोषियों के विरुद्ध कडी कार्रवाई की जाएगी ! -मुख्यमंत्री गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हत्या के दोनों आरोपियों को बंदी बना लिया गया है । गहलोत ने कहा, “मैं इस घटना की निंदा करता हूं।” दोषियों के विरुद्ध कडी से कडी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस को घटना की जड तक जाना चाहिए। गहलोत ने लोगों से शांति बनाए रखने का आवाहन भी किया है ।
संपादकीय भूमिकावर्ष २०१९ में अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हिन्दुओं के पक्ष में न्याय प्रदान किए जाने के उपरांत, जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा था, ”आज का दिन आजाद भारत के इतिहास का सबसे काला दिन है।” इसलिए ऐसे हिन्दू विरोधी संगठन द्वारा उदयपुर की घटना का निषेध करना केवल एक नाटक है, ऐसा कहने में क्या चूक ? |