प्रत्येक सेवा परिपूर्ण पद्धति से करनेवाली तथा परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के प्रति दृढ श्रद्धा रखनेवालीं सनातन की ८४ वीं (समष्टि) संत पू. (श्रीमती) सुनीता खेमकाजी !
सनातन संस्था से संपर्क होने पर मन में बिना कोई शंका लिए उन्होंने किस प्रकार सभी सेवाएं परिपूर्ण पद्धति से की, गुरुदेवजी से उनका पहली बार मिलना, उस समय उनके द्वारा अनुभव किए गए भावक्षणों, गुरुदेवजी की प्रति उनकी दृढ श्रद्धा तथा साधना करते समय उन्हें प्राप्त अनुभूतियां देखनेवाले हैं ।