नवरात्रि के काल में होनेवाली धर्महानि रोकें तथा ‘आदर्श नवरात्रोत्सव’ मनाए जाने हेतु प्रयास कर देवी की कृपा प्राप्त करें !

‘३.१०.२०२४ से नवरात्रोत्सव आरंभ हो रहा है । पूरे देश में बडे उत्साह एवं भक्तिभाव से यह उत्सव मनाया जाता है । इस काल में देवीतत्त्व सामान्य की तुलना में १ सहस्र गुना कार्यरत होता है । नवरात्रि के उपलक्ष्य में व्यापक धर्मप्रसार होने हेतु निम्न प्रयाास कर देवी की कृपा प्राप्त करें ।

‘ज्ञानयोग से संबंधित लेख का संगणकीय टंकण एवं संकलन करना’, इन सेवाओं के लिए ज्ञानयोग में रुचि रखनेवालों की आवश्यकता !

इस सेवा के लिए ज्ञानयोग में रुचि रखनेवालों की आवश्यकता है । इस सेवा हेतु मराठी, हिन्दी, अंग्रेजी, कन्नड इत्यादि में से किसी भी भाषा का ज्ञान होना आवश्यक है ।

पितृदोष से उत्पन्न कष्ट दूर करने के लिए पितृपक्ष में किया जानेवाला दत्तात्रेय का नामजप एवं प्रार्थना !

‘आजकल अनेक साधकों को अनिष्ट शक्ति जनित कष्ट हो रहे हैं । पितृपक्ष के काल में (१८.९.२०२४ से २.१०.२०२४ की अवधि में) इन कष्टों में वृद्धि होने के कारण इस कालावधि में प्रतिदिन न्यूनतम १ घंटा ‘ॐ ॐ श्री गुरुदेव दत्त ॐ’ नामजप करें ।

गणेशोत्सव के अवसर पर गांव जाते समय, साथ ही अन्य समय यात्रा करते समय यथासंभव सनातन संस्था के ग्रंथ, लघुग्रंथ आदि साथ में रखकर उनका प्रसार करें !

कुछ साधकों एवं धर्मप्रेमियों ने यात्रा करते समय साथ में सनातन के कुछ ग्रंथ एवं लघुग्रंथ रखे थे । उन्होंने आगामी त्योहारों को ध्यान में रखते हुए सहयात्रियों को ग्रंथ दिखाए एवं उनमें विद्यमान जानकारी देकर प्रसार किया । सहयात्रियों ने उत्स्फूर्त प्रतिसाद दिया ।’

साधको, दुर्घटना से रक्षा होने हेतु प्रतिदिन नामजप आदि उपाय करें !

‘सनातन का राष्‍ट्र एवं धर्म जागृति के कार्य जैसे जैसे बढ रहे हैं, वैसे वैसे इन कार्यों में बाधा लाने हेतु अनिष्ट शक्‍तियां बडी मात्रा में कार्यरत हुई हैं ।

साधको, आश्रम के अन्नपूर्णा कक्ष की (रसोईघर की) सेवाओं में सम्मिलित होकर स्वयं की आध्यात्मिक उन्नति करा लें !

अन्नपूर्णा कक्ष में सेवा के कारण तन के साथ मन का भी त्याग होता है । यह सेवा कर शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति करनेवाले अनेक साधकों के उदाहरण हैं । इसलिए साधकों, भगवान द्वारा प्रदान की इस सेवा के द्वारा शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति करने के अवसर का लाभ उठाएं !      

श्रावणमास में अध्यात्मप्रसार की दृष्टि से निम्न प्रयास कर गुरुकृपा संपादन करें !

‘५.८.२०२४ से श्रावणमास आरंभ हो रहा है । इस काल में नागपंचमी, श्रावणी पूर्णिमा/राखी पूर्णिमा, श्रीकृष्ण जयंती, गोपाळकाला तथा बैलपूजा; ये त्योहार आते हैं । इस अवधि में अध्यात्मप्रसार की दृष्टि से प्रयास किए जा सकते हैं

‘फेडेक्स कॉलर’ अथवा अन्य प्रकार के चल-दूरभाष संपर्क से आर्थिक धोखाधडी टालने हेतु सावधान कैसे रहें ?

वर्तमान में अनेक लोगों को असामाजिक तत्त्वों से चल-दूरभाष (मोबाइल) पर ऐसा कहते हुए कि ‘मैं सीमा शुल्क (कस्टम) अधिकारी बोल रहा हूं’ और पूछताछ के नाम पर धमकाकर मानसिक दमन कर लाखों रुपए लूटे जाते हैं । हमारे  साथ धोखाधडी न हो इसलिए क्या सावधानी रखें इस विषय में आगे दिया है ।

यदि कोई आधार कार्ड क्रमांक, ‘ए.टी.एम. का पिन’ अथवा ‘ओ.टी.पी.’ जैसी गोपनीय जानकारी मांगे, तो स्वयं को धोखाधडी से बचाने के लिए उसकी अनदेखी करें !

चल-दूरभाष (मोबाइल) के आधार पर संपर्क कर अथवा लघुसंदेश (एस.एम.एस.) भेजकर नागरिकों को ठगने की मात्रा दिनदहाडे बढती ही जा रही है । तत्कालीन सामाजिक समस्या, नागरिकों की लाचारी, अज्ञानता, भोलापन आदि कारणों से समाज की अनेक दुष्प्रवृत्तियां हमसे धोखाधडी करती है ।

साधको, अनुभूतियां तथा सीखने मिले सूत्रों को लिखकर देने के लाभ समझ लो व तत्परता से लिखकर दो !

‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी साधकों को उन्हें प्राप्त अनुभूतियां तथा सीखने मिले सूत्र लिखकर देने के लिए कहते हैं । ऐसे सूत्र लिखकर देने से साधकों को होनेवाले लाभ यहां दिए हैं ।