मणीपुर प्रकरण पर संसद में कोलाहल चल ही रहा है  !

गत कुछ दशकों से संसद में कोलाहल के बिना कुछ नहीं होता, ऐसा चित्र देश एवं संसार देख रहा है  । यदि यह ऐसे ही चलता रहा तो संसद भरने का दिखावा क्यों किया जा रहा है ?, ऐसा किसी को लगे, तो गलत क्या है ।  

दिल्ली में अनाधिकृत धार्मिक स्थलों पर प्रशासन की कार्रवाई

मंदिर और धर्मस्थल के कारण प्रतिदिन यातायात में व्यत्यय होता था , इसलिए स्थानीय लोगों की सहमति के उपरांत इसे हटाया गया।

विद्युत कटौती करने हेतु पंजाब में सरकारी कार्यालय सुबह ७.३० से दोपहर २ के मध्य कार्यरत रहेंगे !

सरकार की ७० करोड रुपए की बचत होगी !

देहली के आम आदमी पार्टी के विधायक अब्दुल रहमान मारपीट प्रकरण में दोषी !

७ वर्षों का दंड होने की संभावना !

लेखाजोखा दो !

बहुत कुछ बिनामूल्य देने का लालच देकर शासन स्थापित हुआ, तो भी उसे चलाने के लिए आवश्यक नीति ‘आप’ के पास नहीं दिखी, यही सत्य है ! वैसे देखा जाए तो राजनीति और भ्रष्टाचार एक ही सिक्के के २ पहलू बन गए हैं ।

वास्तव में खालिस्तान का शत्रु भारत नहीं, अपितु पाकिस्तान है !

‘वारिस दे पंजाब’ (पंजाब के वारिस) संगठन का प्रमुख अमृतपाल सिंह खालिस्तानी नहीं है । पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था ‘आइएसआइ’ हथियार के रूप में अमृतपाल का उपयोग कर रही है; परंतु वह स्थाई रूप से उसका उपयोग नहीं करेगा ।

खलिस्तानवादी अमृतपाल सिंह पर पंजाब में आक्रमण कर हिंसा फैलाने का षडयंत्र रचने का आरोप !

खलिस्तानवादी वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख अमृतपाल सिंह के माध्यम से पंजाब में हिंसाचार फैलाने का षडयंत्र अन्य खालिस्तानवादी संगठनों ने रची है, यह जानकारी गुप्तचर संस्थाओं ने दी है । इस विषय में राज्य और केंद्र सरकार को सतर्क रहने का आदेश दिया गया है ।

पंजाब के कारावास में सिद्धू मुसेवाला हत्याकांड के आरोपियों में हुई मारपीट में दो लोगों की मृत्यु, जबकि तीसरा घायल

‘आप’ की सत्तावाले पंजाब में सर्वत्र ही कानून तथा सुरक्षा की दुर्गति हो गई है, इस पर ध्यान केंद्रित करते हुए सरकार को अब वहां राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए !

सीबीआई द्वारा देहली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जांच

केंद्रीय अन्वेषण विभाग द्वारा देहली मद्यनीति घोटाले के प्रकरण में आम आदमी पार्टी के नेता तथा देहली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जांच की गई ।

देहली नगर निगम की स्थायी समिति के चुनाव में मारपीट !

अब तक ऐसी घटनाएं संसद और राज्य विधानसभाओं मेंप्राय: देखी जाती रही थीं किन्तु अब ऎसा अनाचार नगर निगमों तक पहुंच गया है औरआगामी भविष्य में ग्राम पंचायतों में भी ऐसा होने की संभावना है। इससे स्पष्ट होता है कि देश में लोकतंत्र की स्थिति चिंताजनक हो गई है!