आवारा कुत्तों के काटने पर उपचार का दायित्व उन्हें खिलानेवालों पर ! – उच्चतम न्यायालय
जनता को लगता है कि आवारा कुत्ते के काटने के पूर्व ही अब उस पर कठोर निर्णय लेने का समय आ गया है !
जनता को लगता है कि आवारा कुत्ते के काटने के पूर्व ही अब उस पर कठोर निर्णय लेने का समय आ गया है !
कर्नाटक की शिक्षण संस्थाओं में मुसलमान छात्राओं के हिजाब परिधान करने पर प्रतिबंध लगाया गया है । इसके विरोध में कर्नाटक उच्च न्यायालय में चुनौती देने के उपरांत न्यायालय ने सरकार के निर्णय को जारी रखा था , जिसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है ।
सय्यद वसीम रिजवी ने सर्वाेच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की है । उसमें यह मांग की है कि राजनीतिक दलों द्वारा धार्मिक चिन्ह तथा नामों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना चाहिए ।
वास्तव में जनता को ऐसी मांग करने की आवश्यकता न पडे । केंद्र की भाजपा सरकार को इस विषय में चर्चा कर योग्य निर्णय लेना चाहिए, धर्माभिमानी हिन्दुओं की ऐसी इच्छा है !
‘भारतीय मुस्लिम शिया इस्ना आशारी जमात’ की ओर से यह याचिका प्रविष्ट की गई थी, जिसमें त्यागी द्वारा लिखित ‘मोहम्मद’ पुस्तक पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई थी । लेकिन संविधान की धारा ३२ के अनुसार यह याचिका नकार दी ।
सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष २००२ के गुजरात दंगे से संबंधित सभी मुकदमों को बंद करने के आदेश दिए हैं । इतने दिनों के उपरांत इन प्रकरणों पर सुनवाई करने का कोई सार नहीं है, सरन्यायाधीश उदय ललीत के खंडपीठ ने ऐसे कहा है ।
चुनाव के समय जनता को निःशुल्क वस्तु देने के विरुद्ध याचिका प्रविष्ट की गई ।
देश में ईसाइयों पर होने वाले कथित आक्रमणों को रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका
इस प्रकरण में केंद्र सरकार ने स्वतंत्र हस्तक्षेप याचिका अथवा आवेदन देकर न्यायालय से यह अनुरोध किया कि नक्सलियों के समर्थक और वामपंथी विचारधारा के लोग बडी मात्रा में पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कथित अत्याचार के विरुद्ध झूठी याचिकाएं प्रविष्ट करते हैं ।
चुनाव आयोग को अब ऐसे आश्वासन देने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए !