राजनीतिक दलों द्वारा किए जानेवाले धार्मिक चिन्ह तथा नामों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की मांग

नई देहली – सय्यद वसीम रिजवी ने सर्वाेच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की है । उसमें यह मांग की है कि राजनीतिक दलों द्वारा धार्मिक चिन्ह तथा नामों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना चाहिए । इस याचिका की सुनवाई के समय सर्वाेच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को सूचना भेजकर उत्तर की मांग की है । संविधान का संदर्भ देते हुए रिजवी ने इस याचिका में प्रस्तुत किया है कि धर्म के आधार पर मतदाताओं को आकर्षित करना अवैध है । याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता गौरव भाटिया ने सर्वाेच्च न्यायालय में पक्ष प्रस्तुत किया । इस संदर्भ में आगे की सुनवाई १८ अक्तूबर को होगी ।

१. इस याचिका में २ राज्यस्तरीय राजनीतिक दलों का संदर्भ दिया गया है । इन दलों के नाम में ‘मुस्लिम’ शब्द आया है । साथ ही कुछ राजनीतिक दलों ने उनके झण्डों पर चांद-तारे मुद्रित किए हैं । उसमें ‘इंडियन युनियन मुस्लिम लीग’ का (‘आइ.यू.एम.एल.’ का) उदाहरण दिया गया है । इस दल में समाविष्ट लोग लोकसभा तथा राज्यसभा में संसद सदस्य हैं , साथ ही वे केरल के विधानसभा में विधायक हैं ।

२. अधिवक्ता गौरव भाटिया ने सर्वाेच्च न्यायालय के एक निर्णय का स्मरण करवाया, जिसमें भारतीय संघराज्य की मूलभूत विशेषता धर्मनिरपेक्ष होने का विवरण दिया गया है ।

३. न्यायालय के सामने भाटिया ने यह बात ध्यान में लाई कि अधिकांश राजनीतिक दल मुसलमानों को आकर्षित करते हैं तथा उनके लिए वे अपना ध्वज हरे रंग का रखते हैं तथा उस पर चांदतारे का उपयोग करते हैं । साथ ही ओवैसी समान नेता प्रत्येक सभा में मुसलमानों के विषय में स्पष्ट वक्तव्य देते हैं ।