‘नूपुर शर्मा जैसे लोगों का सिर कलम करें !’
भारत सरकार और इस्लामिक देश इस प्रकार के बयान देने वालों के विरोध में क्यों नहीं बोलते ?
भारत सरकार और इस्लामिक देश इस प्रकार के बयान देने वालों के विरोध में क्यों नहीं बोलते ?
हिन्दुओें के आस्थाकेंद्रों के विषय में ऐसे विधान करनेवालों के विरोध में भारत सरकार कब कार्यवाही करेगी ? ऐसों पर पुलिस स्वयं से अपराध प्रविष्ट कर कार्यवाही क्यों नहीं करती ? हिन्दुओं के संगठन इस विषय में निष्क्रिय क्यों हैं ?
स्वयं के साथ विवाह करना हिन्दू धर्म के विरोध में है । इस कारण भाजपा ने गुजरात की एक युवती द्वारा स्वयं से विवाह करने के निर्णय का विरोध दर्शाया है । बडोदा की युवती क्षमा बिन्दु (आयु २४ वर्ष) ११ जून को श्री हरिहरेश्वर मन्दिर में स्वयं से विवाह करनेवाली है ।
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने ५ जून को चर्च के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की घोषणा की है
जब मुसलमानों के साथ अन्याय होता है, तो कम्युनिस्ट, धर्मनिरपेक्षतावादी, बुद्धिजीवी सभी हिंदुओं पर टूट पडते हैं ; किंतु, “सत्य खान” को यह ध्यान रखना चाहिए, कि जब कट्टरपंथी भीषण कांड करते हैं, तो उन्हें ढक दिया जाता है
‘वर्तमान में भारत की स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव वर्ष चल रहा है । हमें भारतीय स्वतंत्रता का अभिमान तो है; परंतु आज भी अनेक वृद्ध ‘इस लोकतंत्र की अपेक्षा अंग्रेजों की सत्ता ही ठीक थी’, ऐसा मत व्यक्त करते हुए दिखाई देते हैं !
इस प्रकार के विधान करनेवाले नेताओंवाली पार्टी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए ! कर्नाटक की भाजपा की सरकार होने से उन्हें इस हेतु प्रयास करने चाहिए, ऐसा ही हिन्दुओं को लगता है !
ऐसे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में हिन्दू-विरोधी वक्तव्य दिए जाते हैं । इसे रोकने के लिए, हिन्दुओं को वैधानिक पद्धति से इसका विरोध कर, वैचारिक प्रतिवाद करने की आवश्यकता है !