स्वास्थ्य संबंधी शंका-समाधान

आरोग्यदायी दिनचर्या

वैद्य मेघराज माधव पराडकर

श्रीमती दीप्ती आगाशे, रत्नागिरी : स्वास्थ्यलाभ के लिए दिन में केवल २ बार भोजन करना कठिन लगता है । क्या इसका अन्य सरल विकल्प है ?

उत्तर

१. दिनचर्या इस प्रकार की हो

अ. सवेरे ६.३० से पूर्व जाग जाएं ।

 आ. आधा घंटा व्यायाम करें ।

 इ. व्यायाम के १५ मिनट उपरांत स्नान करें ।

 ई. सवेरे ११ बजे के उपरांत अल्पाहार अथवा सीधा दोपहर का भोजन करें । तब तक यदि भूख लग भी जाए, तो केवल पानी पीएं । चाय न पीएं ।

 उ. दोपहर में आधे घटे से अधिक न सोएं ।

 ऊ. रात को ८.३० से पूर्व भोजन करें ।

 ए. रात को ११.३० से पूर्व सो जाएं ।

२. इस दिनचर्या की विशेषताएं

 अ. इस दिनचर्या में केवल सवेरे ११ बजे तक ही स्वयं पर संयम रखना होता है; इसलिए यह करना अत्यंत सरल है ।

 आ. दोपहर के भोजन से लेकर रात के भोजन तक मध्य में कुछ न खाना आदर्श है; परंतु यदि ऐसा करना संभव न हो, तो उस अवधि में खाना बहुत कष्टदायक नहीं होता; परंतु तब भी बार-बार खाना टालें ।

 इ. इसमें स्वास्थ्यलाभ के लिए किसी प्रकार की औषधि लेने के लिए नहीं कहा गया है ।

 ई. चाय छोडने के इच्छुक लोगों के लिए यह दिनचर्या उपयुक्त है । इसमें आरंभ में सवेरे ११ बजे तक चाय न लें । दोपहर में चाय ले सकते हैं; परंतु चाय छोडने का ध्येय रखकर उसे भी धीरे-धीरे छोडें ।

 उ. उक्त दिनचर्या में आहार, उपवास, व्यायाम एवं नींद का पर्याप्त संतुलन है ।’

– वैद्य मेघराज माधव पराडकर, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा. (१०.१.२०२३)

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