सभागार अथवा हंगामागार ?
अधिवेशन आरंभ होने के पूर्व ही ‘शासन को किन सूत्रों पर घेरना है ?’, यह वे पहले ही निश्चित कर लेते हैं तथा वे ऐसा करते भी हैं । इसलिए यह अधिवेशन ‘सरकार को दुविधा में डालने के लिए है अथवा जनता की समस्याओं का समाधान करने के लिए ?’, यह प्रश्न उठता है ।