असम के शक्तिपीठ मां कामाख्या देवालय में श्रद्धालु एवं धर्मनिष्ठ हिन्दुओं ने हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए ली प्रतिज्ञा !
हिन्दू जनजागृति समिति के द्विदशक पूर्ति क अवसर पर असम में विविध उपक्रमों का आयोजन !
हिन्दू जनजागृति समिति के द्विदशक पूर्ति क अवसर पर असम में विविध उपक्रमों का आयोजन !
देश के कोने-कोने में मुसलमान युवक हिन्दू लडकियों का शीलभंग कर रहे हैं, इसके साथ ही सशस्त्र आक्रमण कर रहे हैं ! इस समस्या की दिनोंदिन बढती जानेवाली भीषणता देखकर सरकार को इस संदर्भ में अब तो कठोर कार्रवाई करनी आवश्यक है !
‘ईसाई अर्थात शांतिप्रेमी’ ऐसी छाप भारत में निर्मित की गई है; परंतु वास्तव में वे किस प्रकार के हैं, इस घटना से यह बात स्पष्ट होती है !
जब से हिमंत बिस्व सरमा मुख्यमंत्री हुए, तब से आतंकवादियों पर बडी मात्रा में कार्यवाहियां की जा रही हैं । असम में अब तक ४० आतंकवादियों को बंदी बनाया गया है । इससे स्पष्ट है कि वहां आतंकवाद ने हाथ-पांव फैला रखे हैं तथा उसको जड से उखाडने हेतु सरकार द्वारा कठोर कार्यवाही किए जाने की अपेक्षा है !
स्थानीय मुसलमान ही आगे आकर उनको गिरा रहे हैं तथा ‘जहां अल्-कायदा की कार्यवाहियां चलती हैं, ऐसे मदरसे हमें नहीं चाहिए’ ऐसा कह रहे हैं ।
कांग्रेस द्वारा ‘भारत जोडो’ यात्रा ७ सितंबर से तमिलनाडू के कन्याकुमारी से आरंभ की गई है । असम की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने इसकी आलोचना की है ।
‘जिहादी आतंकवादियों का धर्म नहीं होता’, ऐसा कहने वाले अब कुछ नही बोलते; कारण उनका झूठ उजागर हो चुका है । हिन्दुओं को और उनके संतों को ‘आतंकवादी’ कहने वाले राजकीय पक्ष समाप्त होने के मार्ग पर हैं, यह ध्यान में लें !
राष्ट्र के प्रत्येक मुख्यमंत्री से राष्ट्रप्रेमियों की यही अपेक्षा है ! सच कहा जाए तो देश में शिक्षा की व्यवस्था है, तो मदरसों को बंद करना आवश्यक है !
आतंकवादियों के अड्डे बने मदरसे उद्ध्वस्त करने वाली असम सरकार का आतंकवाद से ग्रस्त अन्य राज्य सरकारों को भी अनुकरण करना चाहिए, यही राष्ट्राभिमानी जनता की अपेक्षा है !
ऐसे वासनांधों को इस्लामी देशों के शरियत नियमानुसार उनकी कमर तक गड्ढे में गाडकर उन पर पत्थर मारने का दंड देने की किसीं ने मांग की तो आश्चर्य न लगे !