(मौलवी अर्थात इस्लाम का धार्मिक नेता)
गुवाहाटी (असम) – राज्य में मौलवी के वेश में आतंकवादी छुपे हैं और वे देश विरोधी कार्यवाहियां कर रहे हैं, ऐसा विधान असम पुलिस के महासंचालक भास्कर ज्योति महंता ने किया है । उन्होंने राज्य के विविध इस्लामी संस्थाओं के प्रमुखों से भेंटकर उन्हें आतंकवादियों को उजागर करने के लिए सहायता करने का आवाहन किया । ( जिहादी आतंकवादियों को सहायता करने वाली इस्लामी संस्थाओं पर कार्यवाही होती है, तो अन्य संस्थाएं स्वयं होकर पुलिस को सहायता करेंगी ! – संपादक) बीते कुछ सप्ताह में राज्य में अल-कायदा और ‘अंसारुल्लाह बांग्ला टीम’ इन आतंकवादी संगठनों से संबंधित कुछ आतंकवादियों को बंदी बनाया गया है । कुल ३८ लोगों को बंदी बनाया गया है । यह आतंकवादी असम की मस्जिदों में इमाम अथवा मौलवी का काम करते थे । इसी पृष्ठभूमि पर महंता ने आवाहन किया है ।
असम के डीजीपी ने मदरसों से की धर्मनिरपेक्ष शिक्षा की अपील; इस्लामिक निकायों से मांगा समर्थन https://t.co/KoCmEv5sHx
— रिपब्लिक भारत (@Republic_Bharat) September 4, 2022
संपादकीय भूमिका‘जिहादी आतंकवादियों का धर्म नहीं होता’, ऐसा कहने वाले अब कुछ नही बोलते; कारण उनका झूठ उजागर हो चुका है । हिन्दुओं को और उनके संतों को ‘आतंकवादी’ कहने वाले राजकीय पक्ष समाप्त होने के मार्ग पर हैं, यह ध्यान में लें ! |