Bangladesh Hindu Girl Commits Suicide : बांग्लादेश में सार्वजनिक रूप से मुस्लिम युवक द्वारा छेडछाड के बाद हिन्दू छात्रा ने की आत्महत्या
बांग्लादेश में हिन्दुओं की परिवर्तित न होनेवाली स्थिति !
बांग्लादेश में हिन्दुओं की परिवर्तित न होनेवाली स्थिति !
बांग्लादेश का भिखमंगा होना तय है। इसके लिए किसी ज्योतिष की आवश्यकता नहीं है। यह मुसलमानों को समझ में आने की संभावना नहीं है क्योंकि उन्होंने ‘धर्मांधता’ नामक अफीम की गोली खा रखी है, और इसी में उनका विनाश निश्चित है।
देश के विकास और उन्नति के लिए मुसलमान क्या कर रहे हैं, यह बताने का कष्ट यूनुस करेंगे ? अभी बांग्लादेश की स्थिति को देखने पर लगता है कि वे देश को डुबाने का ही कार्य कर रहे हैं !
यह बात धीरे-धीरे स्पष्ट होती जा रही है कि बांग्लादेश में हिन्दू और उनके मंदिर असुरक्षित हो गए हैं और उनकी रक्षा करने वाला कोई नहीं बचा है। जो कि संपूर्ण विश्व के हिन्दुओं के लिए अत्यंत लज्जास्पद है !
अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने बांग्लादेश को दिया जानेवाला आर्थिक सहाय्य बंद करने पर तत्काल ही सोरोस का पुत्र बांग्लादेश पहुंचता है । इससे स्पष्ट होता है कि बांग्लादेश में अब तक होनेवाली ऊथल-पुथल के पीछे कौन काम कर रहा है !
बांग्लादेश में हिन्दुओं को लक्ष्य बनाना आरंभ है । हिन्दुओं के विरोध में आक्रमण से लेकर अपहरण तक की घटनाएं लगातार हो रही हैं । एक समाचार के अनुसार, बांग्लादेश के चटगांव में इस्लामी कट्टरपंथियों ने एक मंदिर के पुजारी सहित तीन हिन्दुओं का अपहरण किया ।
हिन्दू, बांग्लादेश में एक असुरक्षित अल्पसंख्यक ! बांग्लादेश में बहुसंख्यक होने पर कट्टरपंथी मुसलमान जो करते हैं, वही वे भारत में अल्पसंख्यक होने पर भी हिंदुओं के विरुद्ध करते हैं, जो हिंदुओं की भोली-भाली मानसिकता को दर्शाता है !
बांग्लादेश में गत कुछ महीनों से हिन्दुओं पर होनेवाले आक्रमणों के संदर्भ में स्वयं निष्क्रिय रहनेवाले लोगों द्वारा भारत को चेतावनी देना अर्थात चोरी, ऊपर से सीनाजोरी !
इसके विपरित भारत के संविधान से धर्मनिरपेक्ष शब्द हटाकर यदि हिन्दू राष्ट्र डाला होता, तो भारत ‘विश्वगुरु’की दिशा में क्रमण करने में पहेला कदम उठा चूका होता ! इससे दोनों मानसिकताओं का भेद ध्यान में आता है !
भारत में जब हिन्दू कट्टरपंथी गोमांस के मुद्दे पर मुस्लिम कसाइयों और तस्करों का विरोध करते हैं, तो उनका साथ देने वाले धर्मनिरपेक्ष लोग इन घटनाओं पर चुप क्यों रहते हैं ?