साधको, कलियुग में भगवद्गीता समान नियतकालिक ‘सनातन प्रभात’ का पठन और अध्ययन नियमित करें !
‘बहुत से साधक नियतकालिक ‘सनातन प्रभात’ नहीं पढते, यह ध्यान में आया है । ऐसे साधक ध्यान दें कि ‘उनमें सीखने की वृत्ति का अभाव है’ और उसे बढाने के लिए प्रयत्न करें ।