‘प्रसार के अधिकांश साधक पारिवारिक दायित्व संभालते हुए धर्मप्रसार की सेवा करते हैं । जिस समय वे घर में रहते हैं, उस समय कुछ साधक सेवा के संदर्भ में उन्हें भ्रमणभाष पर संपर्क करते हैं तथा सेवा के संदर्भ में बातें करते हैं । इससे घर का कार्य करते समय बाधाएं आती हैं । इससे परिवारवालों को कष्ट हो सकते हैं । साथ ही कार्यालय में कार्य करते समय तथा व्यवसाय करनेवाले साधकों को भी इस प्रकार की बाधाएं आ सकती हैं । यह टालने के लिए प्रसार में रहनेवाले साधक अपना उपलब्ध समय सूचित करें । आश्रम में रहनेवाले साधक भी ‘घर में अपने परिवारवालों को किस समय पर संपर्क करें ? यह सूचित करें !’
– श्रीसत्शक्ति (श्रीमती बिंदा सिंगबाळ, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा । (८.१०.२०२२)