पाकव्याप्त कश्मीरियों को कब मिलेगी स्वतंत्रता ? – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
पाकव्याप्त जम्मू कश्मीर में लोग आतंकवाद एवं अलगाववाद की बलि चढ रहे हैं । उन्हें न्याय मिलना चाहिए । वे आज भारत की ओर आशाभरी दृष्टि से देख रहे हैं ।
पाकव्याप्त जम्मू कश्मीर में लोग आतंकवाद एवं अलगाववाद की बलि चढ रहे हैं । उन्हें न्याय मिलना चाहिए । वे आज भारत की ओर आशाभरी दृष्टि से देख रहे हैं ।
द्रौपदी मुर्मू ने २५ जुलाई को राष्ट्रपतिपद की शपथ ली । संसद के ‘सेंट्रल हॉल’में संपन्न हुई इस शपथविधि के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अनेक बडे नेता उपस्थित थे । सरन्यायाधीश एन.वी. रमणा ने मुर्मू को राष्ट्रपतिपद की शपथ दिलवाई ।
साधुओं का वेश परिधान कर भिक्षा मांगने का प्रयास किया जा रहा है, अथवा कुछ षड्यंत्र रचने का ? पुलिस को छानबीन कर इसका पता लगाना चाहिए । साथ ही ऐसे लोगों को आजीवन कारावास का दंड दिया जाए !
हिन्दुओं के लिए यह एक धोखा दायक घटना है ! हिन्दुओं को हिंसक दिखाकर मुसलमानों से हिन्दुओं के विरुद्ध हिंसाचार करवाने का एक कुटिल प्रयास है । यदि भविष्य में ऐसे षड्यंत्र सफल होते हैं, तो क्या हिन्दू स्वयं अपनी रक्षा कर पाएंगे ? ध्यान दें कि हिन्दुओं के पास आत्मरक्षा प्रशिक्षण लेने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है !
पत्नी निर्दोष है और उसे कोई भी दंड नहीं मिला है । उसे मातृत्व से वंचित न रखा जाए । वंश संरक्षण के उद्देश्य से विविध धार्मिक ग्रंथ, साथ ही न्यायिक निर्णयों में भी संतानोत्पत्ति को महत्व दिया गया है ।
भारत में हिन्दुओं के देवताओं का अपमान करने वालों को कठोर दंड देने का कानून न होने के कारण कोई भी आगे आकर हिन्दुओं के देवताओं का अपमान करता है ! हिन्दुओं के लिए यह लज्जास्पद ! सरकार को ऐसे लोगों को आजीवन कारागृह में डालना चाहिए, ऐसी हिन्दुओं की मांग है !
लव जिहाद के बार-बार होने वाले प्रकरणों के पीछे समाज की निचले स्तर तक गई नीतिमत्ता भी जवाबदार है । इस कारण लव जिहाद विरोधी कानून बनाने के साथ ही हिन्दुओं को धर्मशिक्षा और आचारों के पालन का पाठ पढाना आवश्यक !
देश में ईश्वर निंदा करने के प्रकरण में कठोर कानून न होने से इसी प्रकार की घटनाएं होने पर भी आरोपियों को कठोर दंड नहीं होता । सरकार अब तो इसकी गंभीरता समझेगी, ऐसी हिन्दुओं की आशा है !
यदि हिन्दुओं का दिमाग घूम गया और ५० प्रतिशत हिन्दू भी जागृत हो गए, तो मुसलमानों को बचने के लिए स्थान नहीं मिलेगा । वे इतिहास बनकर रह जाएंगे ।’
गरीब का हो अथवा धनवान का, समय तो सभी के लिए महत्त्वपूर्ण होता है । इसमें भेदभाव नहीं करना चाहिए ।