वाराणसी – सावन में श्रद्धालुओं को काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ के कतार में खडे रहे बिना दर्शन पाने की ‘सुगम दर्शन’ योजना में प्रतिव्यक्ति 500 रूपए तथा सोमवार को 750 रुपए लेना सर्वथा अनुचित है । इसके कारण अनेक प्रश्न निर्माण हो सकते हैं । प्रथमत: यह योजना के कारण भक्तों मे भेदभाव की भावना निर्माण हो सकती है । भगवान के दर्शन के लिए दूर दूर से आनेवाले गरीब भक्त को 500 से 750 रुपये देना संभव नही हो पाएगा, किंतु धनवान भक्त पैसे देकर दर्शन कर पाएगा । भगवान तो सबके होते हैं तथा भगवान की दृष्टि से सभी भक्त समान होते हैं तो भक्तों को उनके दर्शन भी एकसमान पद्धति से मिलना चाहिए । चाहे वो गरीब हो अथवा धनवान, नेता हो अथवा कार्यकर्ता, सभी के लिए दर्शन की पद्धति समान होनी चाहिए, ऐसे हमारा मानना है ।
श्री काशी विश्वनाथ धाम’ में अधिक शुल्क देकर ‘सुगम दर्शन’ की योजना बंद की जाए ! – @HinduJagrutiOrg
भगवान की दृष्टि से सभी भक्त समान होते हैं । गरीब का हो अथवा धनवान का, समय तो सभी के लिए महत्त्वपूर्ण होता है । इसमें भेदभाव नहीं करना चाहिए । @ShriVishwanath @myogiadityanath pic.twitter.com/re1v1H1Giq
— Vishwanath Kulkarni (@vishwanathkul) July 23, 2022
१. गरीब का हो अथवा धनवान का, समय तो सभी के लिए महत्त्वपूर्ण होता है । इसमें भेदभाव नहीं करना चाहिए । ‘सुगम दर्शन’ के लिए पहले 300 रुपये लिए जाते थे । अब सावन माह में इसे 500 रुपये किया गया तथा सोमवार के दिन के लिए अब 750 रुपये लिए जा रहे है । मंदिर न्यासियों को यह ध्यान रखना चाहिए कि मंदिर आस्था-भक्ति का केंद्र है ।
२. हमें लगता है कि पैसे देकर ‘सुगम दर्शन’ की योजना बंद होनी चाहिए । उत्तर प्रदेश के मा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथजी एक अच्छी सरकार चला रहे हैं । योगी सरकार ने सदैव ही न्यायोचित पद्धति से धर्महित में तथा हिंदुओं के हित के निर्णय लिए हैं । भक्तों के हित में भी वे इस विषय का अवश्य संज्ञान लेंगे, ऐसा हमारा विश्वास है ।