भरतपुर (राजस्थान) में ५०० हिन्दुओं का होनेवाला धर्मांतरण विहिंप ने विफल किया !
विहिंप के कार्यकर्ताओं और धर्मांतरण के आयोजकों में मारामारी !
विहिंप के कार्यकर्ताओं और धर्मांतरण के आयोजकों में मारामारी !
हिन्दुत्ववादी संगठनों की आक्रामक भूमिका का परिणाम !
अयोध्या का नाम आते ही भगवान श्रीराम की जन्मभूमि और उसके लिए निरंतर संघर्ष करनेवाले एक संगठन का नाम अनायास ही मानस पटल पर उभर आता है । और वह है, विश्व हिन्दू परिषद ! आइए, राममंदिर निर्माण का इतिहास जानते हैं, इन्हीं से !
रामजन्मभूमि आन्दोलन के संदर्भ में डॉ. नील माधव दासजी के अनुभव
उन दिनों में श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन प्रतिदिन तीव्र बनता जा रहा था तथा उसका नेतृत्व विश्व हिन्दू परिषद ने (विहिप ने) किया था । रा.स्व. संघ इस आंदोलन का समर्थन करे, यह विहिप की अपेक्षा थी तथा संघ ने वैसा किया भी । जिस परिसर में विहिप का कार्य अल्प था अथवा नहीं था, वहां संघ ने दायित्व लिया ।
‘सहज योग ध्यान केंद्र’ के नाम पर कहीं यह हिन्दुओं को ईसाई बनाने का गुप्त षड्यंत्र तो नहीं है ? हिन्दुओं को इसकी जांच करनी चाहिए । ऐसे आयोजन कर हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले आयोजकों पर कडी कार्रवाई होनी चाहिए !
विहिंप और रा.स्व. संघ का नियोजन !
श्रीराम मंदिर के उद्घाटन समारोह में सीधा प्रक्षेपण देश के ५ लाख मंदिरों में एक ही समय पर किया जानेवाला है । इसमें प्रत्येक मंदिर का समावेश होगा ।
मंगलुरु (कर्नाटक) में श्री मंगला देवी मंदिर क्षेत्र में केवल हिन्दू व्यापारियों को दुकानें लगाने की अनुमति देने का प्रकरण
मुस्लिम-बहुल परिसरों में मस्जिदों से ‘जय श्री राम’ के नारे का विरोध करने वाले हिन्दू दिन में ५ बार और वर्ष के ३६५ दिन ‘इस विश्व में अल्लाह के अतिरिक्त कोई महान नहीं है’ इसकी बांग देते हैं। वे उसपर बात क्यों नहीं करते ?