Jammu Kashmir Encounter : जम्मू-कश्मीर में २४ घंटे में २ जवान शहीद
कश्मीर में सैनिकों के बलिदान को रोकने के लिए पाकिस्तान को नष्ट करने का निर्णय केंद्र सरकार कब लेगी ?
कश्मीर में सैनिकों के बलिदान को रोकने के लिए पाकिस्तान को नष्ट करने का निर्णय केंद्र सरकार कब लेगी ?
ऐसे लोगों को केवल निलंबित कर काम नहीं होगा, अपितु उन पर अपराध प्रविष्ट कर उन्हें कारागृह में डालकर उन्हें कठोर दंड होने के लिए प्रयास करने चाहिएं !
विदेशों में जो जिहादी आतंकवादी नहीं कर रहे, वह खालिस्तानी कर रहे हैं । भारत सरकार को ऐसे लोगों की नकेल कसने का प्रयास करना चाहिए !
कश्मीर, बंगाल एवं केरल के बाद अब झारखंड भी हिन्दूओं के हाथ से निकलने के पथ पर है। यदि इसे समय रहते नहीं रोका गया तो कट्टरपंथियों को २०४७ में भारत का इस्लामिकस्थान बनाने का लक्ष्य प्राप्त करने की शक्ति मिल जाएगी!
पिछले ३५ वर्षों से जो किसी भी पुलिस अधिकारी ने बोलने का साहस नहीं किया, वह बात आर.आर. स्वेन ने की है। अब ऐसे राजनीतिज्ञों पर पुलिस को कठोर कार्यवाही करना आवश्यक है !
कश्मीर में अंतहीन जिहादी आतंकवाद! कश्मीर में इस आतंकवाद के पीछे कौन है, यह जानते हुए भी भारतीय शासन में इसे समूल नष्ट करने की इच्छाशक्ति नहीं है, यह बात बार-बार ऐसी घटनाओं से सामने आ रही है। यह भारत के लिए लज्जासपाद है!
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर हुए प्राणघातक आक्रमण में वे बाल बाल बच गए ।
कुछ सिख धार्मिक संगठन तथा उनके नेता खालिस्तानी समर्थक है। अतः यदि खालिस्तानवाद को समाप्त करना है तो सबसे पहले ऐसे संगठनों के नेताओं पर कार्यवाही करनी होगी!
जब प्रधानमंत्री रूस की २ दिवसीय यात्रा पर थे तब उन्होंने पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की यह उस समय आपसी चर्चा हुई !
संदीप थापर गोरा अपने बंदूकधारी पुलिस अंगरक्षक के साथ एक बरसी समारोह के लिए सिविल चिकित्सालय आए थे।