‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की कृपा से ‘सनातन के साधक आनंद में रहनेवाले जीव हैं, इसकी प्रतीति लेनेवाले समाज के विभिन्न व्यक्ति !

‘‘सनातन के साधक सदैव आनंद में रहते हैं । हमारे यहां संप्रदाय जैसी विशिष्ट वेशभूषा नहीं होती; परंतु ‘चेहरे पर दिखाई देनेवाला आनंद’ ही हमारे साधकों की पहचान है ।

सनातन की सर्वांगस्पर्शी ग्रंथसंपदा

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की सिद्ध लेखनी से साकार हुए सनातन के ग्रंथ चैतन्यमय ज्ञान का भंडार है ! ये ग्रंथ केवल स्पर्श से लोहे को सोना बनानेवाले पारस के समान हैं; क्योंकि ग्रंथों में दी गई सीख के अनुसार आचरण करने से अनेक लोगों के जीवन में आमूल परिवर्तन हो रहे हैं !

छात्र-साधको, गर्मियों की छुट्टियों में चैतन्यदायक आश्रम जीवन का अनुभव करें तथा अंतर्मन में साधना का बीज बोकर हिन्दू राष्ट्र के लिए पात्र बनें !

साधक-अभिभावको, हमारे बच्चे तो हिन्दू राष्ट्र की भावी पीढी हैं ! इस पीढी को सुसंस्कृत करना तथा उनके मन में साधना का बीज बोना आवश्यक है । अगली पीढी को अभी से तैयार किया गया, तो ये बच्चे हिन्दू राष्ट्र के आदर्श नागरिक बनेंगे !

विश्व हिन्दू परिषद के झारखंड राज्यप्रमुख तथा उद्योगपति चंद्रकांत रायपत ने किया वाराणसी के सनातन आश्रम का अवलोकन !

विश्व हिन्दू परिषद के झारखंड राज्यप्रमुख तथा रांची के प्रसिद्ध उद्योगपति श्री. चंद्रकांत रायपत तथा उनके सहयोगियों ने कुछ ही दिन पूर्व वाराणसी के सनातन आश्रम का अवलोकन किया ।

पू. राम बालकदास महात्यागीजी के करकमलों से राजीम कुंभपर्व (छत्तीसगढ) में सनातन की ग्रंथ-प्रदर्शनी का उद्घाटन !

सनातन संस्था द्वारा राजीम कुंभपर्व में धर्म एवं अध्यात्म पर आधारित ग्रंथों की प्रदर्शनी लगाई गई, साथ ही धर्मशिक्षा फलकों की प्रदर्शनी भी लगाई गई । पाटेश्वरधाम के संत पू. राम बालकदास महात्यागीजी के करकमलों से दीपप्रज्वलन कर इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया ।

जमशेदपुर (झारखंड) में आयोजित स्वदेशी मेला में सनातन संस्था की ओर से ग्रंथ एवं उत्पाद प्रदर्शनी !

सनातन संस्था की प्रदर्शनी पर संस्था द्वारा प्रकाशित साधना, आचारधर्म, बालसंस्कार, आहार, हिन्दू राष्ट्र आदि कई विषयों पर ग्रंथ उपलब्ध है । साथ ही संस्था द्वारा निर्मित सात्त्विक उत्पाद तथा पूजासामग्री भी यहां उपलब्ध है ऐसी जानकारी संस्था द्वारा दी गई है ।

मुजफ्फरपुर (बिहार) में शिव जयंती के उत्सव में सनातन संस्था का रहा सहभाग

इस उत्सव में सनातन संस्था की ओर से मार्गदर्शन किया गया । इस अवसर पर सनातन संस्था की साधिका श्रीमती मनीषा मिश्रा ने ‘छत्रपति शिवाजी महाराज का आदर्श सामने रखकर कैसे कार्य करना चाहिए ?’, इस विषय में मार्गदर्शन किया ।

सनातन संस्था आनंदमय जीवन का मार्ग !

सनातन संस्था २२ मार्च २०२४ को उसकी स्थापना के २५ वर्ष पूर्ण कर रही है । सनातन संस्था की रजत जयंती (२५ वीं) महोत्सव के उपलक्ष्य में ‘सनातन संस्था के व्यापक कार्य का केवल प्राथमिक परिचय’ कही जाए, ऐसी जानकारी ‘सनातन संस्था का रजत जयंती महोत्सव’ विशेषांक में दी गई है ।

संपादकीय : सामर्थ्य… सनातन का !

‘केवल साधना ही करनी है’, ऐसा नहीं; अपितु ‘आध्यात्मिक प्रगति कर आनंदप्राप्ति करनी होती है’, यह समाज को बतानेवाली सनातन संस्था आध्यात्मिक संस्थाओं में से एक ‘आदर्श’ संस्था सिद्ध हुई है ।