प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) के माघ मेले में हिन्दू राष्ट्र हेतु ‘संत संपर्क अभियान’ एवं सनातन संस्था की प्रदर्शनी

सर्व संत एवं संगठनों को हिन्दू राष्ट्र के लिए एकत्र आकर कार्य करने की नितांत आवश्यकता है ! – संतों का एकमत

शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज (दाईं ओर) को ‘सनातन पंचांग’ भेंट देते हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. विश्वनाथ कुलकर्णी

     प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) – यहां हो रहे माघ मेले में सनातन के साधक एवं हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता ‘संत संपर्क अभियान’ कर रहे हैं । इसके अंतर्गत सुमेरू पीठाधीश्वर जगद्गुरु नरेंद्रगिरी सरस्वती महाराज, शांभवी पीठाधीश्वर एवं संत सम्मेलन के आयोजक स्वामी आनंद स्वरूप महाराज, काली सेना के अध्यक्ष स्वामी विनोदगिरीजी महाराज, उत्तराखंड के पूज्य स्वामी सागर सिंधु महाराज, ब्रह्मर्षि पीठाधीश्वर स्वामी ताडकेश्वर महाराज एवं ‘धर्मसंसद कोर कमिटी’ के अध्यक्ष स्वामी यतींद्रगिरीजी महाराज को ‘सनातन पंचांग २०२२’ भेंट देकर सनातन के रामनाथी, गोवा स्थित आश्रम पधारने का निमंत्रण दिया गया ।

क्षणिका

‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए सभी को एकत्र आकर कार्य करने की आवश्यकता है !’, ऐसे विचार सर्व संतों ने व्यक्त किए ।

     स्वामी आनंद स्वरूप महाराजजी ने कहा, ‘‘सनातन संस्था संस्था गत २० वर्षाें से हिन्दू राष्ट्र के लिए अत्यंत उत्तम प्रकार से कार्य कर रही है । मैं आपके आश्रम में अनेक बार गया हूं ।’’

सनातन संस्था की प्रदर्शनी पर आने के पश्चात वहां से लौटने की इच्छा नहीं होती ! – जगजीतन पांडे, महामंत्री, अखिल भारतीय धर्मसंघ शिक्षा मंडल, वाराणसी, उत्तर प्रदेश

श्री. जगजीतन पांडे

     प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) – ‘‘सनातन संस्था हमारा ही कार्य कर रही है । इस प्रदर्शनी के स्थान पर आने के उपरांत यहां से जाने की इच्छा नहीं होती । पिछली बार वाराणसी स्थित आपके सेवाकेंद्र में सवेरे आया, तो शाम तक कैसे समय चला गया पता ही नहीं चला । संस्था के कार्य को हमारा सदैव सहयोग रहेगा !’’, ऐसे गौरवोद्गार अखिल भारतीय धर्मसंघ शिक्षा मंडल के महामंत्री श्री. जगजीतन पांडे ने व्यक्त किए । प्रति वर्ष के समान प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) में होनेवाले माघ मेले में सनातन संस्था की ओर से प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था । इस प्रदर्शनी में श्री. पांडे पधारे थे ।

क्षणिकाएं

१. ‘आपको (प्रदर्शनी पर सेवा करनेवाले साधकों को) निवास एवं भोजन के लिए कोई अडचन तो नहीं है न ?’, ऐसे श्री. पांडे ने प्रेमपूर्वक पूछताछ की ।

२. श्री. जगजीतन पांडे ने अपने ही शिविर में साधकों के रहने एवं प्रदर्शनी लगाने के लिए जगह की व्यवस्था करवाई ।