गर्मी के मौसम में किसी अनिवार्य कारण से गाडी अथवा बस से यात्रा करनी ही पडे, तो अनेक लोगों को यात्रा में, वहां पहुंचने पर अथवा वापस आने पर धूप के प्रभाव से पेट बिगड जाता है, सिर भारी होता है अथवा पेट की कोई शिकायत आरंभ हो जाती है । आपको धूप से कितना कष्ट होता है तथा स्वयं की आयु के अनुसार आपके लिए निम्न सूचनाएं उपयुक्त सिद्ध हो सकती हैं । वर्तमान समय में हो रही धूप सभी को कुछ अधिक ही कष्ट दे रही है, यह ध्यान में लेकर यहां कुछ सरल सूचनाएं दे रहे हैं –

१. सवेरे शीघ्र यात्रा के लिए बाहर निकलें, जिससे कुछ सीमा तक धूप की समस्या बहुत अल्प हो जाएगी । इसके अतिरिक्त मार्ग में अधिक वाहन भी नहीं होंगे, इसका एक अन्य लाभ यह भी है ।
२. वर्तमान समय में अनेक लोग वातानुकूलित चारपहिया वाहन से यात्रा करते हैं । वातानुकूलित चारपहिया वाहन से एकदम कडी धूप में और पुनः २१ डिग्री वातानुकूलित चारपहिया वाहन में न बैठें ।
३. यात्रा में आपके साथ छोटे बच्चे हों, तो आप अपने साथ घर (गांव) का पानी अवश्य रखें । गर्मी में पेट बिगडने की संभावना अधिक होती है । पानी बदलने से बच्चों के पेट बिगडने की संभावना और अधिक होती है ।
४. मुख्य रूप से सिर तथा आंखों की रक्षा के लिए कुछ न कुछ संरक्षक वस्तु (स्कार्फ, टोपी) अपने पास रखें ।
५. यात्रा में नींबू का शरबत अधिक प्रभावकारी होता है । अनेक लोगों को नींबू का अधिक उपयोग करने से वह गले तक आ जाता है तथा यात्रा धूप में हो, तो अधिक ही कष्ट अनुभव होता है । उचित ध्यान देकर बताए गए अन्य विकल्पों का उपयोग किया जा सकता है ।
६. अपने साथ खाने के लिए सरल पदार्थ जैसे खाकरा, खील का चिवडा एवं मखाना रखें । तीखे अथवा तले हुए पदार्थ खाने की अपेक्षा खजूर, मुनक्का, फल जैसे पदार्थ साथ ले सकते हैं । बहुत अधिक खाने की अपेक्षा थोडे-थोडे समय पश्चात खाएं ।
७. यात्रा में बीच में चाय पीने के लिए रुकने की अपेक्षा नारियल पानी, नीरा अथवा फल का ठेला उपयोगी सिद्ध होगा । सडक पर लगे शरबत के ठेले पर कैसे पानी का उपयोग किया है यह पता नहीं चलता इसलिए संभवतः वह पीना टालें । कोई-कोई दुकानदार पानी की बोतल खरीदकर देने पर उस पानी से शरबत बनाकर देते हैं । आप ऐसा भी कर सकते हैं । यात्रा में यदि यह सुविधा न हो, तो नींबू एवं नमक तथा चीनी का पैकेट उपयोगी सिद्ध होता है ।
८. धूप से गाडी में बैठने पर अथवा धूप में उतरने पर तेज गति से पानी पीने की अपेक्षा घूंट-घूंट पानी पीएं । खील के पानी में मिश्री डालकर उसे बोतल में भर लें, तो यात्रा में उपयोगी सिद्ध होगा ।
९. चारपहिया वाहन से यात्रा करते समय छोटे बच्चों को अधिक मात्रा में तथा बार-बार खाने के लिए देना टालें । खाने के समय में ही खाने को दिया जाए, तो उससे यात्रा का कष्ट अल्प होता है ।
१०. वैद्य के सुझाव से पित्त न्यून (कम) करनेवाली, धूप से कष्ट न होने के लिए तथा कष्ट होने पर आवश्यक औषधियां अपने साथ लेकर जाएं ।
– वैद्या (श्रीमती) स्वराली शेंड्ये, यशप्रभा आयुर्वेद, पुणे, महाराष्ट्र.