बंगाल से ८१ सहस्त्र  डेटोनेटर (विस्फोटक) और २७ सहस्त्र किलो अमोनियम नाइट्रेट की तस्करी करने वाले २ जिहादी बंदी !

अमोनियम नाइट्रेट की बडे स्तर पर तस्करी होने के कारण एन.आई.ए. चिंतित !

यदि ये विस्फोटक फटते तो एक बडा नगर नष्ट हो जाता !

आतंकवादियों का शस्त्रागार “पश्चिम बंगाल”!

कोलकाता – राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने वर्ष २०२२ में ८१ सहस्त्र  विस्फोटक (डेटोनेटर) और २७ सहस्त्र किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट की तस्करी के प्रकरण में बोकारो के मेहरुद्दीन अली खान और बीरभूम के मीर मुहम्मद नुरुज्जामा को क्रमश: रानीगंज और कोलकाता से बंदी बनाया है। ऐसे में अन्वेषण संस्थानों की  चिंता बढ गई है । “इतनी वृहद्  मात्रा में विस्फोटकों की तस्करी कैसे हुई?”, अन्वेषण संस्थाएं इसकी जांच कर रही है। यदि इतनी बडी मात्रा में विस्फोटक विस्फोट किए गए होते तो एक बडा शहर नष्ट हो गया होता ।

वर्ष २०२२ में विस्फोटक हस्तगत किए गए थे !

जून २०२२  में बंगाल पुलिस के विशेष कृति बल  द्वारा एक चार पहिया वाहन को पकडा गया था। इस वाहन  में ८१ सहस्त्र इलेक्ट्रिक डेटोनेटर थे। इस वाहन के चालक को बंदी बना कर उसके द्वारा दी गई सूचना के आधार पर २७ सहस्त्र किलो अमोनियम नाइट्रेट, १६२५ किलो जिलेटिन की छडें और २ हजार  से अधिक इलेक्ट्रिक डेटोनेटर हस्तगत किए गए थे ।

विस्फोटकों के हस्तगत करने से बेरूत (लेबनान) विस्फोट की स्मृति हो आती है !

बंगाल में मिले विस्फोटकों के विशाल भंडार ने ४ अगस्त, २०२० को लेबनान की राजधानी बेरूत में हुए भयानक विस्फोट की स्मृति हो आई । बेरूत के एक गोदाम में २,७५० टन अमोनियम नाइट्रेट रखा था । इसके विस्फोट से नगर का १० किलोमीटर तक का क्षेत्र पूर्णरूपसे नष्ट हो गया।

बेरूत मे हुएं विस्फोट से नगर का १० किलोमीटर तक का क्षेत्र पूर्णरूपसे नष्ट हो गया

संपादकीय भूमिका 

  • जब इतनी बडी मात्रा में विस्फोटकों की तस्करी हो रही थी तो क्या सुरक्षा तंत्र निद्रिस्त था ?
  • तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल को विस्फोटकों की अड्डा  बना दिया है । जिहादियों का तुष्टीकरण करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उत्तरदायी !
  • बंगाल जिहादी गतिविधियों का केंद्र बन गया है और इस प्रकार भारत की सुरक्षा धोखे में  है । इसे ध्यान में रखते हुए वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए !