हुगली (बंगाल) में पुन: हिंसा !

  • पथराव के उपरांत रिशरा रेलवे स्टेशन बंद !

  • हावडा – बर्धमान मार्ग पर रेलगाडियां निरस्त !

धर्मांध कट्टरपंथियों के आक्रमण के कारण हुई हिंसा अब भी जारी

कोलकाता – ३० मार्च को श्री रामनवमी की शोभायात्रा पर धर्मांध कट्टरपंथियों के आक्रमण के कारण हुई हिंसा अब भी जारी है । ३ अप्रैल को देर रात्रि हुगली में ‘रिशरा’ रेलवे स्थानक के बाहर पथराव किया गया था। जिसके कारण ‘रिशरा’ रेलवे स्थानक को बंद कर दिया गया । इस घटना के उपरांत हावडा- बर्धमान मार्ग पर चलने वाली सभी रेलगाडियों को निरस्त कर दिया गया । रेलवे स्थानक के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया  है ।  यहां २ अप्रैल की संध्या को श्री रामनवमी के अवसर पर भाजपा की ओर से शोभायात्रा निकाली गयी थी, उस समय रिशरा नामक इस मुसलमान बहुल क्षेत्र में यात्रा पर आक्रमण हुआ था । वाहनों में आग लगा दी गई। इस हिंसा में भाजपा विधायक बिमन घोष समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए । उन्हें चिकित्सा हेतु चिकित्सालय में प्रवेश कराया गया है।

(सौजन्य : News18 Rajasthan)  

हुगली एवं समीपस्त क्षेत्रों में धारा १४४ लागू कर दी गई  है । इसके साथ  ही  कोलकाता  उच्च न्यायालय ने दो दिन पहले हावडा में हुई हिंसा के प्रकरण में राज्य सरकार से पांच अप्रैल तक उत्तर मांगा है ।

हावडा में हिंसा के प्रकरण में बिहार से एक व्यक्ति को बंदी बनाया गया !

हावडा में हुई हिंसा के प्रकरण में पुलिस ने बिहार के मुंगेर से सुमित साव(उम्र 19 साल) को बंदी बनाया है ।ऐसा कहा जा रहा है कि हावडा में श्री रामनवमी की शोभायात्रा में सुमित साव सम्मिलित था एवं एक वीडियो में वह हवा में बंदूक लहराते हुए दिख रहा है । (हिन्दू युवक द्वारा हवा में बंदूक लहराने का चलचित्र प्रसारित होने के उपरांत उसे बंदी बनाने के लिए बिहार पहुंची । इससे सिद्ध होता है कि बंगाल पुलिस ने बंगाल में धर्मांधों के सामने समर्पण कर दिया है, यही सच्चाई है ! – संपादक) ।  साव को बंदी बनाने के उपरांत सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल में भाजपा की आलोचना की है और उस पर हिंसा भडकाने का आरोप लगाया  है । (तृणमूल कांग्रेस दंगों का ठीकरा बीजेपी पर फोड कर अपना पाप छिपाने की  प्रयास  कर रही है! – संपादक)

संपादकीय भूमिका 

तृणमूल कांग्रेस के बंगाल में कानून और सुरक्षा व्यवस्था के तीन तेरा! केंद्र सरकार को अब हस्तक्षेप करना ही चाहिए और बंगाल में तुरंत राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए !