वक्फ सुधार विधेयक पर लोकसभा में रात देर तक चर्चा

नई दिल्ली – केंद्र सरकार ने २ अप्रैल को वक्फ सुधार विधेयक लोकसभा में प्रस्तुत किया। दोपहर १२ बजे से लेकर देर रात तक इस पर सत्ताधारी और विपक्षी दलों के सदस्यों ने अपनी राय रखी। चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वक्फ में इस्लामेतर चीजों की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मतदाता बैंक के लिए अल्पसंख्यकों को डराया जा रहा है।
लोकसभा में विधेयक पारित होने के बाद ही इसे राज्यसभा में प्रस्तुत किया जाएगा। योजना के अनुसार, ३ अप्रैल को यह विधेयक राज्यसभा में प्रस्तुत किया जाना था। दोनों पक्षों द्वारा चर्चा के बाद इस पर मतदान होगा।
इससे पहले, सुबह केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने यह विधेयक लोकसभा में पेश किया। इसके बाद सत्ताधारी और विपक्षी दलों के नेताओं ने इस पर अपने विचार रखे। कांग्रेस की ओर से गौरव गोगोई, समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस से कल्याण बनर्जी, शिवसेना (ठाकरे) गुट से अरविंद सावंत आदि ने इसका विरोध करते हुए विधेयक को अस्वीकार किया। वहीं, भाजपा की ओर से पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, जनता दल (यूनाइटेड) के ललन सिंह, और शिवसेना (शिंदे गुट) के श्रीकांत शिंदे ने इसके समर्थन में अपने विचार रखे।
वक्फ बोर्ड को धर्मनिरपेक्ष बनाना है – किरेन रिजिजू

सुबह केंद्रीय संसदीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विधेयक प्रस्तुत करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड को धर्मनिरपेक्ष बनाना है। अब वक्फ में शिया, सुन्नी, बोहरा, पिछड़ा वर्ग के मुस्लिम समुदाय, गैर-मुस्लिम विशेषज्ञ और महिलाएं भी शामिल होंगी। वक्फ बोर्ड में ४ गैर-मुस्लिम सदस्य हो सकते हैं, जिनमें से २ महिलाओं का होना अनिवार्य है।
उन्होंने आगे कहा, “अगर हम यह विधेयक नहीं लाते, तो वक्फ संसद पर भी दावा कर सकता था।”
वक्फ विधेयक के माध्यम से सरकार किसी भी धर्म के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगी। यह विधेयक केवल संपत्ति प्रबंधन से संबंधित है और मंदिर, मस्जिद या किसी अन्य धार्मिक स्थल के प्रबंधन से इसका कोई संबंध नहीं है। यदि कोई इस मूलभूत अंतर को समझ नहीं पा रहा है या जानबूझकर नहीं समझना चाहता, तो मेरे पास इसका कोई समाधान नहीं है।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने विपक्ष की वंशवादी राजनीति पर निशाना साधा !

अपनी बात रखते हुए अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “भाजपा खुद को दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल बताती है, फिर भी वह अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष अब तक नहीं चुन पाई है।”
इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा, “हमारी पार्टी के १२–१३ करोड़ सदस्य हैं, इसलिए सभी की राय लेकर निर्णय लेना पडता है। कुछ पार्टियों में एक ही परिवार के ५ लोग बैठकर निर्णय लेते हैं, जबकि आपके दल में तो आप ही निर्णय लेते हैं। मैं अभी से कह सकता हूं कि आप अगले २५ वर्षों तक अध्यक्ष बने रहेंगे।”