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नई दिल्ली – संयुक्त संसदीय समिति ने वक्फ संशोधन विधेयक पर अपनी रिपोर्ट संसद को सौंप दी है । इसे १३ फरवरी को लोकसभा में समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल और राज्यसभा में भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी ने पेश किया । इससे संसद के दोनों सदनों में हंगामा मच गया । इसके कारण दोनों सदनों की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी गई । विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने विधेयक पर आपत्ति जताई थी, उन्हें रिपोर्ट से बाहर रखा गया । इससे हंगामा मच गया ।
The Joint Parliamentary Committee (JPC) on the Waqf (Amendment) Bill, 2024, chaired by BJP MP Jagdambika Pal, presented its report in Parliament.
The Bill seeks to revise the Waqf Act, 1995, focusing on the composition of the Council and Boards, criteria for forming waqf, and… pic.twitter.com/SNGqC8TCci
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 13, 2025
१. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि यह रिपोर्ट झूठी है । इसमें विरोधियों के मतभेदों को छिपाया गया है यह असंवैधानिक है ।
२. आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि हमने अपना पक्ष रख दिया है । कोई उनसे सहमत अथवा असहमत हो सकता है; लेकिन वे इसे कूड़ेदान में कैसे फेंक सकते हैं ?
३. इन आपत्तियों का उत्तर देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि विपक्षी दलों के सदस्य संसदीय प्रक्रियाओं के अनुसार जो चाहें जोड़ सकते हैं ।” उनकी पार्टी को इस पर कोई आपत्ति नहीं है ।
४. लोकसभा स्थगित होने के बाद प्रियंका वाड्रा और राहुल गांधी सहित कांग्रेस सांसदों ने संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया । विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया है कि भाजपा ‘वक्फ संशोधन विधेयक’ लाकर द्वेष फैलाना चाहती है ।
(और इनकी सुनिये )‘ यह बिल वक्फ को नष्ट करने के लिए लाया जा रहा है !’ – असदुद्दीन ओवैसी

ए.आई.एम.आई.एम. (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन, अखिल भारतीय मुस्लिम एकता संघ) सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह विधेयक असंवैधानिक है और संविधान के अनुच्छेद १४, १५ और २९ का उल्लंघन करता है । यह विधेयक वक्फ को बचाने के लिए नहीं, अपितु उसे नष्ट करने और मुसलमानों से मस्जिदें, दरगाहें और कब्रिस्तान छीनने के लिए है । (वर्तमान विधेयक के अनुसार, वक्फ को भंग नहीं किया जाएगा; तथापि, भारत के परिप्रेक्ष्य में वक्फ को समाप्त करना आवश्यक है । इसके लिए सरकार को किसी के विरोध के आगे झुके बिना इच्छाशक्ति दिखाने की आवश्यकता है । – संपादक )