कश्मीर में २ आतंकवादी मारे गए
१-२ आतंकवादियों को मारने से कश्मीर में जिहादी आतंकवाद नष्ट नहीं होगा, अपितु उनके जन्मदाता पाकिस्तान तथा कश्मीर की जिहादी मानसिकता को नष्ट किया, तभी वह नष्ट होगा !
१-२ आतंकवादियों को मारने से कश्मीर में जिहादी आतंकवाद नष्ट नहीं होगा, अपितु उनके जन्मदाता पाकिस्तान तथा कश्मीर की जिहादी मानसिकता को नष्ट किया, तभी वह नष्ट होगा !
कश्मीर भारत का अविभाज्य भाग है, पाकिस्तान इसे मान्य करे तथा वहां का जिहादी आतंकवाद रुके, तभी पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण संबंध स्थापित हाेंगे, पाकिस्तान इसे ध्यान में रखे !
सर्वोच्च न्यायालय ने ‘वी द सिटीजन’ नामक एक निजी संगठन को केंद्र सरकार के पास याचिका प्रविष्ट करने की अनुमति दी है, जिसमें जम्मू-कश्मीर में १९९० में हिन्दुओं और सिखों की सामूहिक हत्याओं की जांच करने की मांग की गई है।
भारत में आक्रमण होने के पश्चात सर्जिकल स्ट्राईक जैसी कार्रवाई न करें । इससे कुछ समय तक के लिए ही थोडा-सा परिणाम होता है । इसलिए संपूर्ण पाक को ही पाठ पढाने (सबक सिखाने) के लिए प्रयत्न करें !
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के इस वक्तव्य पर भारत को विश्वास न करके उसके विरुद्ध आक्रामक नीति का अवलंब करना ही आवश्यक है !
ऐसा होने पर भारत को चीन से होने वाला संकट (खतरा) और बढेगा । ऐसे खुरापाती पाकिस्तान को भारत कैसे पाठ (सबक) पढाने वाला है ?
कश्मीर में १९९० से केवल हिन्दुओं को लक्ष्य बनाकर उन्हें मार डाला जा रहा है और उन्हें भागने के लिए विवश किया जा रहा है, यह जिहाद नहीं है तो क्या है ?
सरकार ने इसमें नया क्या कहा ? यह बात १९९० से पूरा विश्व जानता है । इसपर सरकार क्या करेगी और कैसे हिन्दुओं की रक्षा करेगी? यह बताएं !
यदि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हिन्दुओं के वंशविच्छेद के पाकिस्तानी प्रयास को विफल कर दिया होता तो, आज आतंकवादियों का हिन्दुओं को वक्र दृष्टि से देखने का साहस ही नहीं होता ।
वर्ष २०१६-१७ में जिस प्रकार जिहादी आतंकवादी सूची बनाकर पुलिसकर्मियों को मार रहे थे, उसी प्रकार अब उनके द्वारा हिन्दू सरकारी कर्मचारियों की सूची बनाकर उन्हें लक्ष्य करने की संभावना है ।