जम्मू और कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों का पुनर्गठन !
जम्मू में ६ और कश्मीर में १ मतदार संघ की वृद्धि !
२ मतदार संघ विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं के लिए आरक्षित !
जम्मू में ६ और कश्मीर में १ मतदार संघ की वृद्धि !
२ मतदार संघ विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं के लिए आरक्षित !
कश्मीरी हिन्दुओं पर हुए अत्याचार ‘वंशसंहार’ के अंतर्गत आने चाहिए । कश्मीरी हिन्दुओं पर अनगिनत अत्याचार करनेवालों पर अपराध प्रविष्ट कर उनपर कानूनी कार्यवाही करने के लिए न्यायिक पंच की नियुक्ति की जाए । आदि अनेक मागें की गई ।
भारत अंतत: कितने दिन तक ऐसा निषेध करता रहेगा? अब शाब्दिक विरोध करने तक सीमित न रहकर पाक अधिकृत कश्मीर को अपने नियंत्रण में लेने हेतु भारत ठोस कदम उठाए, ऐसा राष्ट्र प्रेमियों को लगता है !
कितने कश्मीरी मुसलमानों ने इस जिहादी आतंकवाद के विरोध में आवाज उठाई है ? भारतीय सेना के जवानों पर पत्थर फेंकने वाले हिंसक जिहादियों एवं राष्ट्र विरोधी घोषणाएं देने वालों को कितने लोगों ने परावृत्त किया ?
केवल हाथ जोडकर क्षमा मांगने से कुछ नहीं होगा और कश्मीरी मुसलमान ऐसी क्षमा मांगेंगे, इसकी भी संभावना नहीं है । इसलिए अब केंद्र सरकार को ही अब प्रधानता लेकर इन अत्याचारों में संलिप्त मुसलमानों को दंड मिलने हेतु प्रयास करने चाहिए, तभी जाकर वास्तव में कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय मिलेगा !
३२ वर्ष पूर्व भारत के एक राज्य में हिन्दुओं के साथ क्या हुआ ?, यह भारतीयों को अभी तक यह ज्ञात नहीं हैै । वास्तव में, भारत के हिन्दुओं ने कश्मीरी हिन्दुओं के लिए कुछ नहीं किया; इसलिए अब तो हिन्दुओं को जागृत होकर कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय दिलाना चाहिए ।
बॉलीवुड में प्रतिवर्ष गुंडे, माफिया, ‘ड्रग्स पेडलर’, गंगूबाई जैसे वेश्यागृहों की मालकिन का उदात्तीकरण करनेवाले अनेक ‘ड्र्रामा फिल्म्स’ प्रदर्शित होती हैं । ऐसे चलचित्र देखने की अपेक्षा भारतीय ‘द कश्मीर फाइल्स’ देखना देशहितकारी सिद्ध होगा ।
भारत सरकार द्वारा जो अपेक्षित था, वह संयुक्त राज्य अमेरिका के मानवाधिकार आयोग द्वारा किया गया ! यह आज तक शासन करनेवाले सर्वदलीय शासकों के लिए नितांत लज्जास्पद है, जिन्होंने अपनी आखों नर धर्मनिरपेक्षता का पर्दा लगा रखा है और हिन्दुओं के प्रति हुए जघन्न नरसंहार को शून्य मूल्य दिया !
उन्होंने कहा, कि कश्मीरी हिन्दुओं को कश्मीर में रहने का संपूर्ण अधिकार मिलना आवश्यक है ।
कश्मीर में १९ जनवरी १९९० के दिन और उसके उपरांत निश्चित रूप से क्या हुआ ?, कश्मीर में हुए हिन्दुओं के वंशविच्छेद का दायित्व किसका है ?, जब दिनदहाडे कानून-व्यवस्था को साख पर बिठाया जा रहा था, तब पुलिस, प्रशासन और प्रसारमाध्यम नाकाम क्यों रहे ?