झाडू लगाने से सबंधित आचार : झाडू कब लगाएं ?
सायंकाल के समय झाडू न लगाएं; क्योंकि इस काल में वायुमंडल में रज-तमात्मक स्पंदनों का संचार बडी मात्रा में होता है ।
सायंकाल के समय झाडू न लगाएं; क्योंकि इस काल में वायुमंडल में रज-तमात्मक स्पंदनों का संचार बडी मात्रा में होता है ।
अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव स्वामी श्री जितेंद्रानंद महाराज द्वारा सोमवार को इंदौर में हुई बैठक में भोपाल के महंत अनिलानंद उदासीनजी को मप्र संत समिति का कार्यवाहक अध्यक्ष मनोनीत किया गया ।
२२.४.२०२३ को ‘अक्षय तृतीया’ है । ‘अक्षय तृतीया’ हिन्दू धर्म के साढे तीन शुभमुहूर्ताें में से एक मुहूर्त है । इस दिन की कोई भी घटिका शुभमुहूर्त ही होती है । इस दिन किया जानेवाला दान और हवन का क्षय नहीं होता; जिसका अर्थ उनका फल मिलता ही है । इसलिए कई लोग इस दिन बडी मात्रा में दानधर्म करते हैं ।
हिन्दुओं को प्रभु श्रीराम के नाम की शक्ति मिले, उनका आशीर्वाद मिले, इस उद्देश्य से रामनाम संकीर्तन आयोजित किया गया ।
प्राचीनकाल से ही हिन्दू धर्म में ऋषि-मुनियों की सहायता से जीवन की प्रत्येक क्रिया को उचित दिशा में मोडकर एक प्रकार से उसे सत्त्वगुणी रूप दिया गया है । इसी को ‘आचरण’ कहते हैं ।
इस कार्यक्रम में ‘हिन्दू नववर्ष’ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को क्यों मनाया जाता है ? इस दिन ब्रह्मध्वजारोहण क्यों किया जाता हैे ? ब्रह्मध्वजारोहण की उचित पद्धति’, साथ ही अन्य अध्यात्मशास्त्रीय जानकारी दी गई ।
पुरुषों को प्रतिदिन, तथा स्त्रियों को सप्ताह में न्यूनतम दो बार केश धोने चाहिए । केश की गुणवत्ता और आरोग्य केवल केश धोने पर ही अवलंबित नहीं होता, अपितु इसे किस पदार्थ से धोते हैं, इसपर भी अवलंबित होता है ।
तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने एक धार्मिक कार्यक्रम में ‘वर्ष १९९० में रामभक्तों पर हुए अत्याचारों का बदला लिया जाएगा’, ऐसा विधान किया है ।
बिहार में दरभंगा के मौलागंज में ‘हिन्दु राष्ट्र’ लिखा ध्वज फहराने की जानकारी सामने आई है । इसे आपत्तिजनक बताकर पुलिस ने अपराध दर्ज किया है।
अमेरिका स्थित एक अनिवासी भारतीय महिला डॉक्टर ने इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म स्वीकार किया है ।