‘उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड’ के भूतपूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने अपनाया हिन्दू धर्म !

“सनातन, विश्व का प्रथम धर्म है एवं यहां जितनी अच्छी बातें हैं, उतनी अन्य किसी भी धर्म में नहीं है। ‘जुम्मा’ के दिन नमाज पठन के पश्चात, मुझे मारने के लिए पुरस्कारों की घोषणा की गई। सिर काटने का फतवा निकाला गया। ऐसी स्थिति में मुझे ‘मुसलमान’ होने पर लज्जा आती थी !”

सनातनकी ग्रंथमाला : आचारधर्म (हिन्दू आचारोंका अध्यात्मशास्त्रीय आधार)

अलंकार हिन्दू संस्कृति की अनमोल धरोहर है । हिन्दू संस्कृति पर पश्चिमी संस्कृति का रंग चढा । फैशन के नाम पर आजकल स्त्रियां चूडियां नहीं पहनतीं एवं कुमकुम के स्थान पर बिंदी लगाती हैं ।

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आभूषण धारण करने से शरीर के संबंधित भाग के बिंदु दबने से बिंदुदाब के उपचार होते हैं । इससे पूर्व से चला आ रहा आभूषण धारण करने का उद्देश्य अज्ञानवश आध्यात्मिक स्तर पर बिंदुदाब पद्धति से निरंतर कार्य करता है, यह ध्यान में आता है ।

हिन्दू संस्कार एवं परंपरा संजोनेवाले सनातनके ग्रंथ

केवल सुन्दर दिखनेवाली रंगोलियोंकी अपेक्षा देवताओंके तत्त्व आकृष्ट एवं प्रक्षेपित करनेवाली रंगोलियां लाभदायक होती हैं । देवताओंकी उपासना हेतु तथा त्योहार, जन्मदिन आदि प्रसंगोंमें बनाई जानेवाली रंगोलियां इस लघुग्रन्थमें प्रस्तुत हैं ।

शिक्षाप्रणाली निश्चित करते समय मनुष्य के जीवन से संबंधित ध्येय का व्यापक दृष्टिकोण आवश्यक !

आधुनिक शिक्षा में केवल इसी बात का ध्यान रखा गया है कि मनुष्य की नैसर्गिक आवश्यकताएं क्या हैं, इन्हीं की पूर्ति का आधार बनाकर तदनुरूप शिक्षा का कार्यान्वयन हुआ है । शिक्षा में व्यापक दृष्टिकोण का होना अत्यंत आवश्यक है ।

स्त्री शक्ति का विनाश टालने हेतु हिन्दू संस्कृति के अनुसार आचरण आवश्यक !

महाविद्यालयों और गृहनिर्माण संस्थाओं में महिलाओं का संगठन बनाकर किसी महिला पर अत्याचार होने पर उसके विरुद्ध संगठित रूप से कार्यवाही करें !

प्रत्येक घर में लाइसेंसी हथियार रखने चाहिए ! – मध्य प्रदेश की मंत्री उषा ठाकुर का आवाहन

समाज में खून, बलात्कार आदि का प्रमाण बढने से उसे रोकने के लिए सरकारी तंत्र निष्प्रभावी हो गया है । यह ध्यान में रखकर अब समाज को ही स्वयं की रक्षा करने के लिए तैयार होना आवश्यक है !

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में हिन्दू धर्म के विषय के पाठ्यक्रम का प्रारंभ !

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अब वेद, पुराण, रामायण, महाभारण, दर्शन, स्थापत्य, लोकनाट्य, ज्ञानमीमांसा, साथ ही हिन्दू धर्म की विशेषता और परंपरा पर आधारित पाठ्यक्रम का लाभ मिलेगा ।