पौष पूर्णिमा (१७ जनवरी)
गंगास्नान धर्माशास्त्रानुसार करें !
१. ‘गंगाजी शिवतत्त्व का सगुण रूप है’, इस मनोभाव से नमस्कार करें तथा विष्णुस्मरण करें ।
२. गंगास्नान हेतु नदी में उतरने पर प्रवाह अथवा सूर्य की दिशा में मुख कर नाभि तक पानी में तीन डुबकियां लगाएं । स्नान करते समय श्लोक पाठ अथवा देवता का जप करें । नाभि तक पानी में खडे रहकर गंगाजी को अर्घ्य दें । स्नान के उपरांत कदंब के पुष्प से गंगाजी का पूजन करें ।