पितृदोष से उत्पन्न कष्ट दूर करने के लिए पितृपक्ष में किया जानेवाला दत्तात्रेय का नामजप एवं प्रार्थना !

साधकों के लिए सूचना

१. भगवान दत्तात्रेय का नामजप करें । : ‘आजकल अनेक साधकों को अनिष्ट शक्ति जनित कष्ट हो रहे हैं । पितृपक्ष के काल में (२९.९.२०२३ से १४.१०.२०२३ की अवधि में) इन कष्टों में वृद्धि होने के कारण इस कालावधि में प्रतिदिन न्यूनतम १ घंटा ‘ॐ ॐ श्री गुरुदेव दत्त ॐ’ नामजप करें । नामजप sanatan.org इस जालस्थल पर उपलब्ध है ।

नामजप के लिए लिंक –
https://www.sanatan.org/hindi/a/149.html

जो साधक स्वयं को हो रहे अनिष्ट शक्ति जनित कष्ट दूर होने हेतु आध्यात्मिक उपचार करते हैं, वे अपने उपचारों के नामजप के अतिरिक्त न्यूनतम १ घंटा भगवान दत्तात्रेय का नामजप करें । भगवान दत्तात्रेय का नामजप करते समय हाथ की पांचों उंगलियों के अग्र भाग जोडकर अनाहतचक्र और मणिपुरचक्र पर न्यास करें ।

जो साधक उपचार नहीं करते, वे अपने व्यक्तिगत कार्य, स्नान, स्वच्छता-सेवा आदि के समय न्यूनतम १ घंटा यह नामजप हो; इस ओर ध्यान दें । तब भी पूर्वजों के कष्ट प्रतीत हों, तो वे भी बैठकर और मुद्रा कर नामजप करें ।

२. पितृपक्ष की अवधि में पितृदोष से उत्पन्न कष्टों से रक्षा होने हेतु पूरे दिन में बीच-बीच में भगवान दत्तात्रेय से प्रार्थना करें ।

३. जिन साधकों को संभव हो, वे पितृपक्ष में श्राद्धविधि अवश्य करें । ऐसा करने से पूर्वजों के कष्ट तो दूर होंगे ही, साथ में साधना के लिए उनके आशीर्वाद भी मिलेंगे ।’

– (सद्गुरु) डॉ. मुकुल गाडगीळ, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा (३०.९.२०२३)

श्राद्धविधि के विषय में अधिक जानकारी एवं श्राद्ध से संबंधित वीडियो देखने हेतु ‘Shraddha Rituals’ एप डाउनलोड करें – Sanatan.org/shraddh-app