युगप्रवर्तक परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के अलौकिक चरित्र से युक्त विशिष्ट ग्रंथमाला !

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के प्रथम ग्रंथ ‘अध्यात्मशास्त्र’ से अधिक मात्रा में चैतन्य प्रक्षेपित हो रहा है, यह दर्शानेवाली वैज्ञानिक जांच !

आज ही ‘डाउनलोड’ करें, सनातन के ‘ई-बुक’ स्वरूप में ग्रंथ !

स्वभावदोष (षड्रिपु)-निर्मूलनका महत्त्व एवं गुण-संवर्धन प्रक्रिया (अंग्रेजी), नामजप का महत्त्व (अंग्रेजी), त्योहार मनानेकी उचित पद्धतियां एवं अध्यात्मशास्त्र (हिन्दी)

‘सनातन दंतमंजन’ का औषधी उपयोग

सनातन दंतमंजन के नियमित उपयोग से मसूडे एवं दांत की दुर्बलता दूर होकर मसूडे और दांत मजबूत होते हैं । मसूडों की सूजन, उसमें से रक्त आना बंद होता है । दांतों की सडन रुककर दांतों का स्वास्थ सुधर जाता है, साथ ही दांत जड से मजबूत होते हैं ।

‘भारतीय अर्थव्यवस्थापर नया आक्रमण : हलाल जिहाद ?’ ग्रंथ का संतों के शुभहस्तों लोकार्पण !

दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के उद्घाटन सत्र के उपरांत ‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर नया आक्रमण : हलाल जिहाद ?’, इस हिन्दू जनजागृति समिति के मराठी एवं हिन्दी भाषा के ग्रंथों का लोकार्पण किया गया ।

सनातन की ग्रन्थमाला :‘गुरु-शिष्य परम्परा’

गुरु, पितासे भी अधिक श्रेष्ठ क्यों हैं; विभिन्न विचारधाराओंके अनुसार गुरुके प्रकार क्या हैं; गुरु, सद्गुरु एवं परात्पर गुरु में क्या भेद (अंतर) है; साधकपर गुरुकृपा चरण-प्रति-चरण कैसे होती रहती है; ‘गुरुमन्त्र’ क्या होता है; उसे गुप्त रखना चाहिए, ऐसा क्यों कहा जाता है आदि प्रश्नोंका समर्पक उत्तर देनेवाला ग्रन्थ !