(और इनकी सुनिये ) ‘ब्रिटेन में वी.एच.पी,, चिन्मय मिशन आदि संगठनों के आपस में घनिष्ट संबंध हैं, क्योंकि वे हिन्दुत्व के लिए आंदोलन करते हैं, इसलिए उनसे संबंध विच्छेद करें !’ – Hindus For Human Rights

इससे ज्ञात होता है कि यह अमेरिकी संगठन हिन्दुओं के नाम पर संगठन स्थापित करके हिन्दुओं को विभाजित करने का प्रयास कर रहा है! क्या इस संगठन के पीछे भारत विरोधी अमेरिकी सरकार है? इसका पता लगाया जाना चाहिए!

Dhirendra Krishna Shashtri : दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का षड्यंत्र रचा जाता है; लेकिन बकरी ईद के बारे में कोई बात नहीं करता ! – पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री

दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का षड्यंत्र ; लेकिन बकरी ईद पर कोई सवाल क्यों नहीं उठाता ?, ऐसे शब्दों से यहां बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्र ने हिंदूद्रोहियों पर हमला बोला।

दीपावली : एक आनंदपर्व

दीपावली प्रकाश का त्योहार है । ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’, अर्थात अंधकार से प्रकाश की ओर ले जानेवाला त्योहार है; इसलिए उसे ‘ज्योतिपर्व’ भी कहते हैं ।

नरक चतुर्दशी

कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को ‘नरक चतुर्दशी’ कहते हैं । नरकासुर नामक अधम तथा क्रूर राक्षस के अंतःपुर में १६ सहस्र स्त्रियां बंदीवास में थीं । पृथ्वीलोक के सभी राजा उसके अत्याचार से त्रस्त थे । तब श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध करने का निश्चय किया । उसके शिरच्छेद का दायित्व सत्यभामा ने लिया ।

उबटन लगाने की उचित पद्धति क्या है ?

दूसरे व्यक्ति की पीठ पर उबटन लगाते समय पीठ की रीढ की रेखा के पास, दोनों हाथों की उंगलियों का अग्रभाग आए इस प्रकार रखकर ऊपर से नीचे की दिशा में दोनों हाथ एक साथ घुमाएं ।

लक्ष्मीपूजन की महिमा !

सामान्यतः अमावस्या अशुभ मानी जाती है; परंतु दिवाली की अवधि में अमावस्या भी शरद पूर्णिमा अर्थात कोजागरी पूर्णिमा समान ही कल्याणकारी और समृद्धिदर्शक होती है । इस दिन श्री लक्ष्मीपूजन और अलक्ष्मी नि:सारण इत्यादि धार्मिक विधियां की जाती हैं ।

श्री लक्ष्मीदेवी किसके घर में वास करती हैं ?

धर्मानुसार पालन करना, ईश्वर की भक्ति करना, धर्म एवं राष्ट्र के प्रति जागरूक रहकर दक्षता से कर्तव्य निभाना इत्यादि करने से ही देवी लक्ष्मी की कृपा होगी और वे घर में वास करने अवश्य आएंगी ।

देवताओं का तत्त्व प्रक्षेपित करनेवाली सात्त्विक रंगोलियां

मार्ग के दोनों किनारों पर स्वागत के लिए खडे रहनेवालों द्वारा हाथ में पकडी दीप की थालियों के दीपों की ज्योति की दिशा उस मार्ग पर से जानेवाले व्यक्तियों की ओर होती है ।

दीपावली के उपलक्ष्य में की जानेवाली प्रार्थना !

‘हे प्रभु, हमारे ऋषि-मुनियों ने जिस उद्देश्य से त्योहार-उत्सवों का प्रयोजन किया है, उसका गर्भितार्थ हम समझ पाएं ! उस दृष्टिकोण से हम खरी दिवाली मना पाएं, ऐसी आपके श्रीचरणों में प्रार्थना है !’