अयोध्या दीपोत्सव में सरकारी धन के उपयोग पर मौलाना ने उठाया प्रश्न !
नई दिल्ली – दिवाली की पूर्व संध्या अर्थात ३० अक्टूबर को अयोध्या में ‘राम की पौडी’ पर ८ लाख मालाएं चढ़ाई गईं। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया । ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने दीपोत्सव कार्यक्रम में हुए व्यय को लेकर योगी सरकार की आलोचना की । बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने इसका उत्तर दिया है । उन्होंने प्रश्न उठाया, ‘काफिरों के धन से हज कैसे होता है ?’
क्या सरकारी धन को किसी धार्मिक कार्य पर खर्च करने की अनुमति है ?
एक समाचार वाहिनी पर चर्चा में मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि सरकार इस कार्यक्रम पर करोड़ों रुपए का व्यय कर रही है । यदि यही धन उच्च शिक्षा लेकर घूम रहे बेरोजगारों को दिया जाता तो शायद उन्हें लाभ होता । उन्होंने अनेक छोटे-बड़े प्रतिष्ठान स्थापित किए होते । (सरकार मदरसों पर भी धन व्यय कर रही है, इससे देश को कोई लाभ नहीं हो रहा है । उल्टा देश को और हानि हो रही है । मौलाना इस बारे में बात क्यों नहीं करते ? – संपादक) हम उन्हें त्योहार मनाने से नहीं रोकते; लेकिन क्या मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को किसी धार्मिक कार्य पर सरकारी धन खर्च करने की अनुमति है ? (यदि हिन्दू कहें कि हिन्दुओं के कर से मिलनेवाले धन से देश में रहने वाले धर्मांधों को अब पाकिस्तान में भाग जाना चाहिए तो आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए ! – संपादक) भाजपा केवल यह दिखाना चाहती है कि वे ‘हिन्दू हृदय सम्राट’ है ।
How can one go for a Haj Pilgrimage out of the money of Kafirs ? – BJP's counter question
M@u!ana Sajid Rashidi, the president of the All India Im@m Association, raised a question on the use of government money on the Ayodhya Deepotsav.
The government also spends a lot of… pic.twitter.com/sOXRhqiQsD
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) November 3, 2024
बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने मौलाना की अच्छी खबर ली । त्रिवेदी ने कहा कि सरकार सभी प्रमुख हिन्दू मंदिरों से सारा दान लेती है । सरकार मंदिरों से जो कुछ लेती है, उसका दसवां भाग भी मंदिरों पर व्यय नहीं किया जाता । इसे सरकार हज यात्रा के लिए सब्सिडी के तौर पर व्यय करती है । जब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के आवास पर सरकारी धन से इफ्तार का आयोजन किया गया तो आपने काफिरों द्वारा दिए गए जलपान को उत्सुकता से ग्रहण किया । मौलाना साजिद रशीदी के अनुसार ९० प्रतिशत लोग काफिर हैं । इसलिए उन्हें लगता है कि काफिरों के धन से हज करने में कोई समस्या नहीं है ।