भेदभाव और भ्रष्टाचार, मतपेटी की राजनीति के अनिष्ट प्रभाव हैं ! – प्रधानमंत्री
देश की स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के समय भारत की दृष्टि आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करना तथा सामाजिक न्याय और समरसता को प्रतिष्ठित करना है । इन्हीं संकल्पों के आधार पर, एक बीज के रूप में भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ था ।