महाठग सुकेश चन्द्रशेखर से रिश्वत लेने के आरोप में कारागृह के ८१ जेल कर्मियोेंं के विरुद्ध अपराध दर्ज
राजधानी देहली के एक कारागृह का यह हाल है, तो देश के अन्य कारागृहों में क्या होता होगा, यह इस से ध्यान में आता है !
राजधानी देहली के एक कारागृह का यह हाल है, तो देश के अन्य कारागृहों में क्या होता होगा, यह इस से ध्यान में आता है !
कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ती का सुनवाई के समय आरोप
एक दवाई निरीक्षक के पास इतनी नगदी मिलती है, तो राजनीतिज्ञों के पास कितनी नगदी मिलेगी ?
ऐसे घूसखोरों की सारी संपत्ती जपत कर उन्हें कठोर सजा देने हेतु सरकार को प्रयास करने चाहिए !
देश की स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के समय भारत की दृष्टि आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करना तथा सामाजिक न्याय और समरसता को प्रतिष्ठित करना है । इन्हीं संकल्पों के आधार पर, एक बीज के रूप में भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ था ।
भ्रष्टाचार, बलात्कार, राष्ट्रद्रोह, धर्मद्रोह बढने का मूल कारण है, समाज को सात्त्विक बनानेवाली साधना न सिखाना । जिन्हें यह भी नहीं समझ में आता, ऐसे सर्व दल राज्य करने के योग्य हैं क्या ? केवल हिन्दू (ईश्वरीय) राष्ट्र में ही रामराज्य की अनुभूति होगी ।
जनता को लगता है, कि केंद्र सरकार इस घोटाले की निष्पक्ष जांच करे, सच्चाई लोगों के सामने लाए एवं इसमें संलिप्त लोगों के विरुद्ध कडी कार्रवाई करे !
हमें आपने देश के लोकतंत्र में परिवारवाद केवल राजकीय क्षेत्र तक ही मर्यादित नहीं रह गई, अपितु उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय में भी एक प्रकार की परिवारवाद चालू है । उच्च एवं सर्वोच्च न्यायालय में कार्यरत न्यायाधीशों को ही नए न्यायाधीशों को चुनने का दिया अधिकार, जिसे कॉलेजियम पद्धति’ भी कहा जाता है, वह इस परिवारवाद की अपेक्षा अलग कुछ नहीं ।
वर्तमान में किसी कार्यालय में यदि चपरासी की नौकरी चाहिए तो संबंधित प्रत्याशी (candidate, उम्मीदवार) की शैक्षणिक पात्रता देखी जाती है; परंतु राज्य का, इसके साथ ही देश का संपूर्ण कार्यभार, अर्थव्यवहार एवं संरक्षणव्यवस्था देखनेवाले विधायक, सांसद, मंत्री, इतना ही नहीं; परंतु प्रधानपद समान सर्वोच्च पद पर जाने के लिए भी किसी भी शैक्षणिक पात्रता की आवश्यकता नहीं होती ।
प्रत्येक राजकीय पक्ष चुनाव के काल में ‘हमें चुनाव में विजयी बनाएं, हम ही राज्य को भ्रष्टाचारमुक्त सरकार देंगे’, ऐसा प्रचार करता है; परंतु प्रत्यक्ष में वे मतदारों को मद्य (दारू), पैसे आदि प्रलोभन दिखाकर अपने पक्ष में मतदान दिलवाते हैं ।