जनता को लगता है, कि केंद्र सरकार इस घोटाले की निष्पक्ष जांच करे, सच्चाई लोगों के सामने लाए एवं इसमें संलिप्त लोगों के विरुद्ध कडी कार्रवाई करे ! – संपादक
गांधीनगर (गुजरात) – गत १४ वर्षों में, गुजरात राज्य में छोटे और मध्यम उद्योगों को कोयले की आपूर्ति करने के बजाय, गुजरात सरकार की विभिन्न इकाइयों ने अन्य राज्यों के उद्योगों को कोयला बेचकर ५-६ हजार करोड रुपयों का घोटाला किया है । (दैनिक भास्कर की रिपोर्ट)
गुजरात में घोटाला : खदानों से निकाला 60 लाख टन कोयला अफसरों-व्यापारियों ने ‘रास्ते में गायब’ किया; 6 हजार करोड़ की चपत
और अधिक खबरें व मुफ्त ई-पेपर पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऐप इंस्टॉल करें – https://t.co/hO3HVqdjTH #Gujarat #CoalScam @INCIndia @samajwadiparty @BJP4Gujarat pic.twitter.com/ofGBkxhq0u
— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) February 23, 2022
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि,
१. कोल इंडिया की खदानों से अब तक गुजरात के व्यापारियों और लघु उद्योगों हेतु ६० लाख टन कोयला भेजा गया है । ३,००० रुपये प्रति टन की दर से, इसका औसत मूल्य १,८०० करोड रुपये होता है । किन्तु, कोयले को व्यापारियों ने संबंधित उद्योगों को बेचने के बजाय, अन्य राज्यों में ८,००० रुपये से १०,००० रुपये प्रति टन की दर से बेचा गया । इसमें कुछ संस्थाओं एवं गुजरात सरकार के कुछ अधिकारियों का हाथ है ।
२. केंद्रीय कोयला मंत्रालय के सचिव अनिल जैन ने कहा, “राज्य सरकार द्वारा नियुक्त इकाइयों को कोयले की आपूर्ति की जाती है, और इसके साथ ही हमारी भूमिका पूरी हो जाती है ।”
३. कोल इंडिया के निदेशक सत्येंद्र तिवारी ने कहा, “इस संबंध में यदि कुछ हो, तो उसे राज्य के गृह विभाग के संज्ञान में लाया जाना चाहिए । इसमें आवश्यक साक्ष्य भी दिए जानें चाहिए ।”
४. कोल इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “गुजरात में गहन भ्रष्टाचार हुआ है । वास्तव में, गुजरात सरकार द्वारा कोल इंडिया को पूरी जानकारी दी जानी चाहिए, किन्तु राज्य सरकार इस प्रकरण में टालमटोल कर रही है । सटीक जानकारी उपलब्ध होने के बाद भी, जानकारी को भ्रामक पद्धति से प्रस्तुत किया जा रहा है ।”