(कहते हैं) ‘हेलीकॉप्टर अपघात के लिए भारतीय सेना की लापरवाही उत्तरदायी !’
चीन इस बात को ध्यान रखे, कि इस प्रकार के मिथ्या आरोप लगाकर, भारतीय सेना और भारतीय नागरिकों का मनोबल गिराने के उसके प्रयास कभी सफल नहीं होंगे !
चीन इस बात को ध्यान रखे, कि इस प्रकार के मिथ्या आरोप लगाकर, भारतीय सेना और भारतीय नागरिकों का मनोबल गिराने के उसके प्रयास कभी सफल नहीं होंगे !
रक्षा विशेषज्ञों ने चीन की भूमिका पर प्रश्न उठाए ! ताइपे (ताइवान) – भारत के प्रथम सी.डी.एस. (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) और तीनों रक्षा बलों के प्रमुख जनरल बिपिन रावत की तमिलनाडु के कुन्नूर में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई है । इसी प्रकार की एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में, ताइवान के सेना प्रमुख … Read more
सुरक्षा बलों को सूचना मिली थी कि, इस क्षेत्र में ‘एनएससीएन’ नामक आतंकी समूह के आतंकी हैं तथा वे आक्रमण की तैयारी कर रहे हैं। इसलिए, कार्रवाई की योजना बनाई गई थी। सुरक्षाबलों के सैनिकों ने वाहन रोकने के लिए कहा; परंतु, वाहन नहीं रुका। इसके पश्चात, सुरक्षाबलों ने गोलीबारी की।
प्रत्यक्ष नियंत्रण सीमा पर तनाव था, हमने हिंद महासागर क्षेत्र में युद्ध नौका तैनात की थी। परिस्थिति बिगडते ही चीन को सही उत्तर दे सकें, यह इसके पीछे का उद्देश्य था। चीन वर्ष २००८ से हिंद महासागर क्षेत्र में खुराफात कर रहा है।
‘आतंकवाद का कारखाना पाकिस्तान को नष्ट करने से ही ऐसे आक्रमण स्थाईरूप से रुकेंगे, इसे ध्यान में लेकर केंद्र सरकार को अब तो आतंकियों को नष्ट करना चाहिए, यह जनता की अपेक्षा है !
सीमा पर वर्ष १९६२ समान युद्ध स्थिति नहीं होने देंगे, ऐसा केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में बताया । चीन सीमा पर भारतीय सेना के लिए चालू मूलभूत सुविधाओं के निर्माण के विरोध में पर्यावरण के प्रश्न पर प्रविष्ट की गई याचिका पर सरकार ने न्यायालय में स्वयं की स्थिति को रखते हुए उपर्युक्त सूत्र रखे ।
सेना के २ जनरलों ने बताया, कि किसान आंदोलन भारतीय सेना को भी प्रभावित कर रहा है । अतः कुछ भी हो सकता है । “आज आप सत्ता में बैठे हैं और सत्ता के अहंकार में कुछ भी करते जा रहे हैं ; परंतु, इसके क्या परिणाम होंगे, यह आप नहीं जानते ।” मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने यहां आयोजित जाट सम्मेलन में यह वक्तव्य दिया ।
गोलीबारी करने वाले सैनिक का मानसिक रोग से ग्रस्त होने का दावा !
पाकिस्तान ने ऐसा क्या किया है, जिससे भारत ने इस परंपरा को पुनर्जीवित किया ? पाकिस्तान को मिठाइयां देने और उससे मिठाइयां लेने का क्या औचित्य है, जब पाकिस्तान और उसके प्रायोजित आतंकवादी निरंतर कश्मीर पर आक्रमण कर रहे हैं ?
जब तक पाकिस्तान का नाश नहीं किया जाता, तब तक ऐसी घटनाओं को रोकना असंभव है ! इसपर अब लक्ष्य केंद्रित करना चाहिए !