ताइवान के सेना प्रमुख और चीन के कट्टर विरोधी बिपिन रावत, दोनों की हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं में समानताएं !

रक्षा विशेषज्ञों ने चीन की भूमिका पर प्रश्न उठाए !

ताइपे (ताइवान) – भारत के प्रथम सी.डी.एस. (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) और तीनों रक्षा बलों के प्रमुख जनरल बिपिन रावत की तमिलनाडु के कुन्नूर में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई है । इसी प्रकार की एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में, ताइवान के सेना प्रमुख शेन यी मिंग की भी मृत्यु हुई थी ; जो चीन के विरोधी थे । दोनों दुर्घटनाओं की तुलना रक्षा विशेषज्ञ और सामाजिक माध्यम कर रहे हैं । शेन यी मिंग की जनवरी २०२० में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी । मिंग का ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर, ताइपे के पास एक पहाडी क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था । ब्लैक हॉक को संयुक्त राज्य में निर्मित सबसे उन्नत और सबसे सुरक्षित हेलीकॉप्टरों में से एक माना जाता है ।

भारतीय रक्षा विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने जनरल रावत के हेलीकॉप्टर दुर्घटना की तुलना ताइवान के सेना प्रमुख की दुर्घटना से की । चेलानी ने कहा कि, “चीनी आक्रामकता के विरुद्ध कार्य करने वाले प्रमुख व्यक्ति की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु का होना, दो दुर्घटनाओं के बीच समानता का दिखता है । जिसका अर्थ है, कि उनके बीच कुछ संबंध है या दुर्घटना में बाहरी शक्तियों का हाथ है ।”

(कहते हैं) ‘जनरल रावत की दुर्घटना के पीछे अमेरिका हो सकता है !’ – ग्लोबल टाइम्स के माध्यम से चीनी सरकार के प्रवक्ता का आह्वान

बीजिंग (चीन) – ब्रह्मा चेलानी द्वारा यह दावा किए जाने के उपरांत, कि जनरल बिपिन रावत और ताइवान के सेना प्रमुख शेन यी मिंग के हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं में समानताएं थीं और दोनों चीन विरोधी थे । चीन के सरकारी दैनिक ग्लोबल टाइम्स ने ट्वीट किया कि, “यदि ऐसा है, तो जनरल बिपिन रावत की मृत्यु के पीछे अमेरिका का हाथ हो सकता है, क्योंकि, भारत और रूस S-४०० मिसाइल सिस्टम पर एक समझौता कर रहे थे और संयुक्त राज्य अमेरिका समझौते का विरोध कर रहा था ।”

‘ग्लोबल टाइम्स’ का वक्तव्य, चीनी प्रशासन की भ्रष्ट मानसिकता को दर्शाता है ! – ब्रह्मा चेलानी

भारतीय रक्षा विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी

ब्रह्मा चेलानी ने ग्लोबल टाइम्स के ट्वीट का तुरंत उत्तर देते हुए कहा, “देखिए कैसे चीनी सरकार के प्रवक्ता मेरे ट्वीट पर भ्रम फैलाने का प्रयत्न कर रहे हैं और कह रहे हैं, कि रावत की दुर्घटना के पीछे अमेरिका का हाथ है ! यह ट्वीट चीनी प्रशासन की भ्रष्ट मानसिकता को दर्शाता है ।”

चेलानी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि, “स्पष्ट रूप से सोचने में सक्षम जनरल रावत, चीन की आक्रामकता के विरोध में, भारत का चेहरा बन गए थे । जहां राजनीतिक नेतृत्व चीन का नाम लेने से कतरा रहा था, वहीं रावत खुले आम लोगों को चीन का चेहरा दिखा रहे थे । इसलिए, जनरल रावत को खोने की भरपाई करना सहज नहीं है ।”