S Jaishankar Target China : भारत के साथ किया दीर्घकालीन लिखित समझौता बनाए रखने में चीन असफल ! – विदेश मंत्री एस्. जयशंकर

विदेश मंत्री एस्. जयशंकर ने फिर से एक बार चीन का खरा चेहरा संसार के सामने लाया है । मलेशिया की राजधानी में भारतीय यात्रियों से वार्तालाप करते समय वे बोल रहे थे ।

America On Arunachal Pradesh : अरुणाचल प्रदेश भारत का ही भूभाग !

समझदार को ही शब्दों की फटकार दी जाती है; परंतु चीन समझदार नहीं, किंतु अतिचतुर है, इसलिए उसे शब्दों की अपेक्षा वह समझ पाए, ऐसी ही भाषा में उत्तर देने की आवश्यकता है !

सेना स्तर पर हुई चर्चा में भारत-चीन सीमा पर शांति बनाए रखने पर सहमत !

चीन ने सीमा पर शांति बनाए रखने पर सहमती दर्शाई है, तो भी उसपर विश्वास नहीं कर सकते हैं अत: भारत को सदा सतर्क रहना होगा !

भारत के उपरांत अब मलेशिया, फिलिपींस, ताईवान एवं नेपाल ने किया चीन का विरोध !

चीन द्वारा अपने मानचित्र में अरुणाचल प्रदेश, दक्षिण चीनी समुद्र आदि का समावेश करने का प्रकरण !

अन्यों का क्षेत्र अपना बताने की चीन की पुरानी आदत !

विदेशमंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने नए मानचित्र (नक्शे) पर चीन को सुनाया !

भारत से सुरक्षा पाने के लिए चीन अक्साई चीन में बना रहा है सुरंग !

अक्साई चीन भारत का भाग है । चीन ने उसे अपने नियंत्रण में कर लिया है । अक्साई चीन को भारत में पुनः समाहित करने के लिए भारत को प्रयास करने चाहिए !

संबंध सुधारने के लिए लदाख सीमा पर शांति निर्माण करना आवश्यक !

ब्रिक्स परिषद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं शी जिनपिंग में भेट
प्रधानमंत्री मोदी का जिनपिंग का प्रतिपादन

देश की सीमाएं सुदृढ की जा रही हैं ! – विदेश मंत्री एस. जयशंकर

एस. जयशंकर ने चीन के साथ बिगड रहे संबंधों पर भी भाष्य किया है । उन्होंने कहा, ‘भारत-चीन सीमावाद के संदर्भ में चर्चा रुकी नहीं है । इस सूत्र पर शीघ्र ही बैठक होगी ।

(इनकी सुने…) ‘हम विवादास्पद क्षेत्र में बैठक लेने के विरुद्ध !’

श्रीनगर में २२ से २४ की कालावधि में ‘जी २०’ के पर्यटन कार्य समिति की तीसरी बैठक आयोजित की गई है । चीन ने इस बैठक में सम्मिलित न होने का निर्णय लिया है ।

सीमा विवाद जल्द से जल्द हल करने के लिए एकत्रित काम करना चाहिए ! – चीन

चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों में सीमा विवाद को योग्य स्थान देना चाहिए और सीमा पर स्थिति सामान्य करने के लिए जल्द से जल्द एकत्र आकर काम किया जाना चाहिए, ऐसा चीन के विदेशमंत्री किन गांग ने भारत के विदेशमंत्री डॉ. एस. जयशंकर के साथ बात करते हुए कहा ।