सोनभद्र (उत्तर प्रदेश) यहां हनुमान मंदिर के पास फेंका गया गोमांस !

अन्य पंथों के प्रार्थना-स्थलों पर कभी किसी प्राणी का मांस नहीं फेंका जाता; परंतु हिन्दू मंदिरों में गोमांस फेंकने की घटनाएं बार-बार होती रहती हैं, इस विषय पर कभी धर्मनिरपेक्षतावादी क्यों नहीं बात करते ?

फेसबुक पर भगवान श्रीरामजी के ऊपर आपत्तिजनक टिप्पणी करनेवाले नईम को बंदी बनाया

यदि किसी ने मुहम्मद पैगंबर का अनादर किया होता, तो मुस्लिमों ने उसका सर धड से अलग करने की घोषणा कर दी होती; परंतु हिन्दू कानून के अनुसार कार्य करते हैं, अत: कभी भी ऐसी घोषणाएं नहीं करते, क्या धर्म-निरपेक्षतावादी एवं आधुनिकतावादी इसे ध्यान में लेंगे ?

(और इनकी सुनिए…) ‘भगवान श्रीकृष्ण  भी रुक्मिणी को भगाकर ले गए थे !’ – भूपेन बोरा, कांग्रेस के असम प्रदेशाध्यक्ष

कांग्रेसियों से इससे भिन्न अपेक्षा भी क्या  हो सकती है ? यदि बोरा ने अन्य धर्मियों के श्रद्धास्रोतों  के विषय में इस प्रकार का वक्तव्य दिया होता, तो अब तक उनका सर धड से जुदा करने के फतवे निकल गए होते !

(और इनकी सुनिए…) ‘राज्य में हुए दंगों के संबंध में निष्पाप आरोपियों पर लगाए गए अपराध वापस लें !’ – कर्नाटक के गृहमंत्री परमेश्वर

‘कांग्रेस का राज्य अर्थात दंगा करने वाले धर्मांधों का राज्य’ ऐसा ही अब कहना पडेगा ! सत्ता पर आने पर वह मुसलमानों की चापलूसी के लिए सीधे निर्णय लेती है; लेकिन हिन्दुओं की ओर से कोई भी राजनीतिक पार्टी सीधा निर्णय नहीं लेती, यह हिन्दुओं का दुर्भाग्य !

(और इनकी सुनिए…) ‘महाविद्यालय की हिन्दू छात्राओं के अश्‍लील वीडियो बनाने की घटना बहुत छोटी !’ – गृह मंत्री डॉ. जी परमेश्‍वर

क्या कर्नाटक में कांग्रेस को चुननेवाले हिन्दुओं को यह वक्तव्य स्वीकार है ? आरोपी कट्टरपंथी एवं पीडित छात्राएं हिन्दू होने से ही कांग्रेस के मंत्री ऐसा वक्तव्य दे रहे हैं । यदि स्थिति इसके विपरीत होती, तो अब तक दोषियों पर कठोर कार्रवाई कर दी गई होती !

प्रभु श्रीराम एवं महाराणा प्रताप का अपमान : मोहम्मद शाकिब अहमद गिरफ्तार !

ऐसा अपमान यदि अन्य पंथियाें के श्रद्धास्थानाें का किया जाता, तो पुलिस ने स्वयं तत्काल कार्यवाही की होती ।  बहुसंख्यक हिन्दू ऐसा रौब पुलिस और सरकारी व्यवस्था में कब निर्माण करेंगे ?

कासरगोड (केरल) में मुस्लिम लीग की फेरी में हिन्दुओं को दी गईं जीवित जलाने की धमकियां !

इस घटना के विषय में देश के कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस, समाजवादी दल, एम्.आई.एम्, माकपा आदि राजनीतिक दल मौन हैं, इसे ध्यान में लें !

(और अब इनकी सुनिए…) ‘गजमुख के भगवान श्री गणेश केवल एक दंतकथा !’ – ए. एन. शमसीर के विषैले बोल 

भारतीय संविधान धर्मनिरपेक्ष है । ऐसा होने पर भी संविधान द्वारा प्रदान किए गए एक महत्त्वपूर्ण पद पर रहते हुए शमसीर को हिन्दू समाज की धार्मिक भावनाएं आहत करने का अधिकार किसने दिया ? धर्म-निरपेक्षवादी इस पर कुछ नहीं बोलते, यह ध्यान में लें !

बरेली (उत्तर प्रदेश) कावड यात्रियों पर पथराव के प्रकरण में भूतपूर्व नगरसेवक उस्मान अल्वी को बनाया बंदी !

मणिपुर की घटना पर बोलनेवाले राजकीय पक्ष बरेली की घटना के विषय में क्यों कुछ नहीं बोलते ? वह इसलिए कि यहां मार खानेवाले हिन्दू एवं मारनेवाले मुसलमान होने से वे मौन साधे हैं । यदि इसके विपरीत घटना हुई होती, तो ये राजकीय पक्ष टूट पडे होते !

‘ओपेनहायमर’ फिल्म से श्रीमद्भगवद्गीता का अपमान होने वाले दृश्य को अनुमति कैसे दी ?

सेंसर बोर्ड केंद्र सरकार के अधीन होते हुए भी इस प्रकार की गलती कैसे होती है ? ऐसा प्रश्न हिंदुओं के मन में हमेशा ही आता है ।