Karnataka Textbook Revision : कर्नाटक की कांग्रेस सरकार स्‍कूली पाठ्यक्रम में पेरियार, गिरीश कर्नाड आदि का पाठ सम्‍मिलित करेगी !

बेंगलुरु (कर्नाटक) – कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने कक्षा पहली से दसवीं तक की पाठ्यपुस्‍तकों के सुधार को अंतिम रूप दिया है । इसमें महत्‍वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं । इसके अंतर्गत बच्‍चों को ’सनातन धर्म’ पर आधारित पाठ के अतिरिक्‍त पी. लंकेश, सावित्रीबाई फुले, गिरीश कर्नाड, पेरियार, देवनूर महादेव, थिरुनाकुडु चिन्‍नास्‍वामी, नागेश हेगड़े आदि लेखकों की रचनाएँ भी सम्‍मिलित हैं।

१. प्रा. मंजुनाथ हेगड़े की अध्‍यक्षता वाली पाठ्यपुस्‍तक संशोधन समिति ने अपनी रिपोर्ट कर्नाटक सरकार को सौंप दी है। समिति ने सावित्रीबाई फुले तथा पेरियार जैसे प्रगतिशील लेखकों से संबंधित विषयों पर पाठों को फिर से सम्‍मिलित करने की सिफारिश की है । हालांकि समिति ने टीपू सुल्‍तान तथा हैदर अली से संबंधित पाठों को फिर से सम्‍मिलित करने की अनुशंसा नहीं की । इन पाठों को भाजपा सरकार ने हटाया था ।

२. इन पाठ्यपुस्‍तकों में जैन धर्म और बौद्ध धर्म की व्‍याख्‍या करने वाले नए अध्‍याय सम्‍मिलित किए गए हैं ।  इसके साथ ही ’धर्म’ शब्‍द को बदलकर ‘Religion’ कर दिया गया है ।

३. इससे पहले जून २०२३ में ‘कर्नाटक टेक्‍स्‍टबुक सोसाइटी’ ने पाठ्यपुस्‍तकों में कुछ परिवर्तन किए थे । इसमें रा.स्‍व.संघ के संस्‍थापक हेडगेवार के पाठ को हटाकर उसके स्‍थान पर शिवकोट्याचार्य का ‘सुकुमार स्‍वामी कठे’ पाठ को सम्‍मिलित किया था । उस समय, १०वीं कक्षा की कन्‍नड़ पाठ्य पुस्‍तक में शतवधानी आर. गणेश के ‘श्रेष्ठ भारतीय चिंतानेगलु’ का स्‍थान सारा अबुबकर के ’युद्ध’ अध्‍याय ने ले ली ।

कांग्रेस सरकार अराजकता, भ्रम तथा ध्रुवीकरण निर्माण करना चाहती है ! – बीजेपी की आलोचना

कर्नाटक सरकार के इस निर्णय का भाजपा विधायक तथा पूर्व उच्‍च शिक्षा मंत्री अश्‍वथ नारायण ने विरोध किया है । उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस संविधान तथा कर्नाटक के लोगों के विश्‍वास का सम्‍मान नहीं करती । सरकार अराजकता, भ्रम तथा ध्रुवीकरण निर्माण करना चाहती है । सरकार सनातन धर्म का सम्‍मान नहीं करती है । इसलिए वे उन लोगों को एकत्र करने का प्रयास कर
रही है जो सनातन धर्म के विरोधी हैं । ये हमारी श्रद्धा के विरुद्ध है । हम इसकी निंदा करते हैं । हम कांग्रेस सरकार का सत्‍य सामने लाने केे लिए जनजागृति करेंगे । हम इस अभ्‍यासक्रम पुरजोर विरोध करेंगे तथा इसे शामिल नहीं होने देने का प्रयास करेंगे ।

संपादकीय भूमिका

कांग्रेस को वोट देकर सत्ता पर बिठाने पर हिन्‍दू तथा उनके धर्म का आत्‍मघात होता है, अब कर्नाटक राज्‍य के साथ-साथ देश के हिन्‍दुओं को वास्‍तविक उदाहरण से ध्‍यान में आया होगा तथा वह आगे से ऐसी चूक नहीं करेंगे, ऐसी ही अपेक्षा है !