ध्वनिक्षेपक के प्रकरण में नासिक के काळाराम मंदिर को नोटिस भेजने का प्रकरण !
नासिक (महाराष्ट्र) – हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने एक प्रकरण में पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही का पक्षपात उजागर करने पर श्री काळाराम मंदिर के ध्वनिक्षेपक प्रकरण में भेजा गया कार्यवाही का नोटिस पुलिस ने वापस लिया । हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने १२ मार्च को ‘एक्स’ द्वारा प्रश्न उठाते हुए कहा था, ‘श्री काळाराम मंदिर में भक्तिगीत लगाए जाते हैं; इस संदर्भ में नोटिस भेजनेवाले क्या सवेरे ५ से ६ बजे ध्वनिप्रदूषण कानून को भंग करनेवाली मस्जिदों पर कार्यवाही करने का साहस करेंगे ?’, तदनंतर शिकायतकर्ता ने शिकायत वापस ली थी । तब पुलिस ने हिन्दू जनजागृति समिति के पदाधिकारियों को दूरभाष से, मंदिर को भेजा गया नोटिस वापस लेने की जानकारी दी ।
About the loudspeaker notice issued against the Kalaram Mandir in Nashik.
The police withdrew the notice as soon as @Ramesh_hjs of @HinduJagrutiOrg exposed the biased behavior of police.
👉 The police never fails to promptly act against the temples, but even after hundreds of… pic.twitter.com/0NtKzN27DY
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) March 14, 2024
पंचवटी के एक नागरिक ने ७ मार्च को पंचवटी पुलिस थाने में श्री काळाराम मंदिर में प्रतिदिन सवेरे ६ से ७ बजे के बीज ध्वनिक्षेपक लगाया जाने के विरुद्ध लिखित परिवाद प्रविष्ट किया था । परिवाद में कहा गया था कि इस आवाज के कारण स्थानीय लोगों को कष्ट हो रहा है तथा १० वीं एवं १२ वीं की परीक्षा होने के कारण छात्रों को अध्ययन करने में बाधाएं आती हैं । सभी की नींद टूट जाती है । इसके उपरांत पुलिस ने ‘मंदिर का ध्वनिक्षेपक बंद करें’, ऐसा नोटिस भेजा था ।
संपादकीय भूमिकामंदिरों पर कार्यवाही; परंतु सैकडों परिवादों के उपरांत भी मस्जिदों पर लगे भोपूं पर कार्यवाही नहीं, क्या यह पुलिस का पक्षपात नहीं हैं ? |