श्री लक्ष्मी देवी के संदर्भ में आपत्तिजनक वक्तव्य देकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का मामला
लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – हिन्दुओं के देवताओं के प्रति अनादरात्मक वक्तव्य देकर हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करने के मामले में यहां के एम्.पी.-एम्.एल्.ए. न्यायालय के अतिरिक्त मुख्य न्यायदंडाधिकारी अंबरीश श्रीवास्तव ने वजीरगंज पुलिस थाने के प्रमुख को समाजवादी पक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट कर जांच करने का आदेश दिया है । मौर्य के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट करने की मांग करनेवाली याचिका न्यायलय में प्रविष्ट (दाखिल) की गई थी ।
Uttar Pradesh Court order to register a case against the Samajwadi Party leader.
Case related to Swami Prasad Maurya's attempt to hurt religious sentiments of Hindus by mocking Shri Lakshmi Devi.
👉 When Hindu deities are openly and repeatedly insulted, why doesn't the… pic.twitter.com/yb77VW12Ke
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) March 17, 2024
गत वर्ष दीपावली में लक्ष्मी पूजन के दिन पूरे देश में लोगों ने अपने घरों में लक्ष्मी पूजन किया । उस समय मौर्य ने अपनी पत्नी की पूजा कर कुछ छायाचित्र ‘एक्स’ पर शेअर किए । मौर्य ने एक्स पर लिखा था, दीपोत्सव के निमित्त मैंने मेरी पत्नीची पूजा कर उसे सम्मनित किया । संसार के किसी भी धर्म में, जाति में, वंश में, वर्ण में अथवा देश में जन्मे बच्चे को २ हाथ, २ पैर, २ कान, २ आंखें और २ छिद्रों की नाक, एक सिर, एक पेट और एक पीठ होती है; परंतु ४ हाथ, ८ हाथ, १० हाथ, २० हाथ, सहस्रो हाथों का बच्चा अभी तक इस संसार में जन्मा नहीं है । फिर ४ हाथों वाली लक्ष्मी कैसे जन्म ले सकती है ? (हिन्दुओं को धर्मशिक्षा न होने के कारण वे ऐसे हास्यास्पद वक्तव्य देते हैं और समाज में विकृत विचार फैलाते हैं ! – संपादक) आप लक्ष्मी की पूजा करना चाहते हो, तो आप अपने पत्नी की पूजा करें, उसका आदर करें; क्योंकि वह आप के परिवार का पालनपोषण करती है, घर में सुख-समृद्धी हो, इसकी सावधानी बरतती है । साथही अपना दायित्व निभाती है । (एक ओर श्री लक्ष्मी देवी कहकर पत्नी की पूजा करना और दूसरी ओर इस प्रकार का वक्तव्य देकर श्री लक्ष्मी देवी का अनादर करना, ऐसी मनोवृत्ति के मौर्य ! – संपादक)
संपादकीय भूमिकाहिन्दुओं के देवताओं का सार्वजनिक रुप से अनादर किया जाता है; परंतु उसके विरुद्ध सरकार, प्रशासन और पुलिस स्वयं ध्यान देकर कार्यवाही क्यों नहीं करते ? हिन्दू सहिष्णु और कानून का पालन करनेवाले हैं, इसलिए संविधानिक मार्ग से कार्यवाही करने की मांग करते हैं; परंतु धर्मांध मुसलमान सीधे कानून हाथ में लेकर हिंसाचार करते हैं और तदुपरांत पुलिस अनादर करनेवालों पर कार्यवाही करती है ! |