‘यदि द्रौपदी राष्ट्रपति है, तो पांडव कौन हैं ?’
इस विधान द्वारा ऐसे निर्देशकों की हिन्दू विरोधी मानसिकता दिखाई देती है । क्या उन्होंने अन्य पंथियों के श्रद्धाकेंद्राें ऐसे अपमान किया होता ? हिन्दुओं को ऐसे हिन्दू विरोधी निर्देशकों के चलचित्राें का बहिष्कार कर हिन्दू एकता का भान कराना चाहिए !