तमिलनाडु में एक ईसाई पादरी ने मुसलमानों को भारत का दूसरा बंटवारा करने के लिए उकसाया !

  • सत्तारूढ़ द्रमुक सांसद का करीबी है पादरी !

  • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों से अलगाववादी मुसलमानों का समर्थन करने का आवाहन किया !

पाद्री जेगथ जसपर राज

चेन्नई – सत्तारूढ़ द्रमुक सांसद कन्निमोल्ली के करीबी विश्वासपात्र पादरी जेगथ जसपर राज ने एक भड़काऊ वक्तव्य दिया है कि “मुसलमानों को भारत का दूसरा विभाजन करने का प्रयत्न करना चाहिए”। ‘मुसलमानों की इस मांग का समर्थन करने के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को भी आगे आना चाहिए। “संयुक्त राष्ट्र द्वारा भारत के हिन्दू समर्थक संगठनों को ‘आतंकवादी संगठन’ घोषित करना चाहिए और भारत के मुसलमानों को इस्लामी देशों की सहायता लेनी चाहिए,” उन्होंने कहा। (स्मरण रहे कि पादरियों और ईसाई धर्म प्रचारकों का लक्ष्य केवल हिन्दुओं का धर्मान्तरण ही नहीं, भारत को टुकड़े-टुकड़े करना भी है ! यह आवश्यक है कि सरकार उनके विरुद्ध कडी कार्रवाई करे और उन्हें कारागृह में डाले ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

१. उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अवैध निर्माणों पर कार्रवाई के विरोध में स्वयंसेवी संस्था ‘सोशल एक्टिविस्ट फोरम’ द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। उस समय पादरी राज ने ये भड़काऊ वक्तव्य दिए थे।

२. ‘भारत में मुसलमानों के साथ-साथ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या ४२ प्रतिशत है। इसलिए इन सभी को एकत्र आकर एक स्वतंत्र देश की मांग करनी चाहिए। ऎसी मांग करना कदापि अनुचित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में केवल मुसलमानों ने भी यदि मांग की कि ‘हमें देश का २० प्रतिशत भूभाग दो’ तो उन्हें आसानी से इतना भूभाग मिल जाएगा जो तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों के एकीकृत क्षेत्र जितना होगा ।

३.हाल ही में यह बात सामने आई है, कि तमिलनाडु में ईसाई धर्म प्रचारक मुसलमानों को हिन्दुओं पर आक्रमण करने के लिए उत्तेजित कर रहे हैं। कुछ दिन पूर्व राज्य के एजरा सरगुणम् नाम के एक ईसाई पादरी ने पूछा, “आप (मुसलमान) चुप क्यों हैं?” उन्होंने (हिन्दुओं) आप पर हाथ डाला है। आपको उनका (हिन्दुओं) योग्य ध्यान रखना चाहिए, ऎसा कटाक्ष किया ।

संपादकीय भूमिका

  • तमिलनाडु में ‘द्रविड़ मुनेत्र कळघम’ (द्रविड़ प्रगति संघ) की सरकार ने राष्ट्र-विरोधी और हिन्दू-विरोधी पादरियों को प्रश्रय दिया है। इस को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को तमिलनाडु में ऐसे देशद्रोहियों के विरुद्ध कडी कार्रवाई करनी चाहिए !
  • तमिलनाडु देशद्रोहियों और हिन्दू विरोधी गतिविधियों का अड्डा बन गया है। इन कार्रवाइयों को रोकने के लिए केंद्र सरकार को वहां राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए!