मैनपुरी (उत्तरप्रदेश) – यहां के गणेशपुर गांव के एक खेत में ४ सहस्र वर्षाें पूर्व का शस्त्रसंग्रह पाया गया है । ये तांबे से बनाए गए हैं और इन शस्त्रों की लंबाई ४ फुट है । इसमें तलवारें, ‘स्टार फिश’ मछली के आकार, तो कुछ भाले की नोकों समान शस्त्रों का समावेश है । पुरातत्व विभाग ने ये शस्त्र अपने नियंत्रण में ले लिए हैं । विशेषज्ञोें ने दावा किया है कि ये शस्त्र द्वापर युग के हैं ।
१. गणेशपुर गांव के एक किसान को खेतों में काम करते समय उसे भूमि में शस्त्रों का यह संग्रह मिला । ‘ये शस्त्र सोने अथवा चांदी के बने होंगे’, ऐसा समझकर वह उन्हें अपने घर ले गया; परंतु उसकी जानकारी गांववालों को मिलते ही उन्होंने पुलिस एवं पुरातत्व विभाग को इस विषय में सूचित किया । पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर ये शस्त्र अपने नियंत्रण में लिए ।
२. इस विषय में पुरातत्व विभाग के अधिकारी भुवन विक्रम ने कहा कि हडप्पा काल में कांस्य धातु से शस्त्र बनाए जाते थे । इसलिए गणेशपुर गांव में पाए गए शस्त्रों का ताम्र पाषाण युग से (चाल्कोलिथिक) सीधा संबंध दिखाई देता है ।
३. पुरातत्व विभाग के प्रवक्ता वसंत स्वर्णकार ने कहा, ‘‘ये शस्त्र ईसा से डेढ से २ सहस्र वर्ष पूर्व के काल में अस्तित्व में थे । इस काल में मिट्टी के बर्तनों को लाल रंग से (गेरू) रंगा जाता था । बागपत में सनौली, मुरादाबाद में मदारपुर एवं सहारनपुर में सकटपुर से लिए गए नमूनों की ‘कार्बन डेटिंग’ जांच की गई । उस समय यह प्रमाणित हुआ कि वह ४ सहस्र वर्षाें पूर्व के हैं और वे शस्त्र सुरक्षा रक्षकों के होंगे । ये शस्त्र सामान्य लोगों के पास नहीं हो सकते ।