परवेज परवाज को ७ वर्ष कारावास का दंड !

‘१७ वर्षों के उपरांत मिला न्‍याय, क्‍या यह अन्‍याय नहीं ? ’, एसा नागरिकों को लगता है !

पांडवों ने ५ गांव मांगे थे, हम तो केवल ३ स्थान मांग रहे थे !

योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी के विषय में कहा कि भारत में लोगों की आस्था का अनादर हो रहा है तथा बहुसंख्यक समाज को भीख मांगनी पडे, ऐसा विश्व में अन्यत्र कहीं नहीं हुआ है । जो काम अब चल रहा है, वह स्वतंत्र भारत में इससे पूर्व ही आरंभ हो जाना चाहिए थे ।

ज्ञानवापी में स्थित अन्य तहखानों के सर्वेक्षण की हिन्दू पक्ष से मांग !

हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने कहा कि पुरातत्त्व विभाग के द्वारा ज्ञानवापी के किए गए सर्वेक्षण के अनुसार ज्ञानवापी में कुल ८ तहखाने हैं ।

Hindus Baghpat Lakshagriha : बागपत (उत्तर प्रदेश) स्थित  लाक्षागृह हिंन्दुओं का है !

न्यायालय ने मुसलमानों का दावा किया निरस्त !

Maulana Tauqeer Raza : ज्ञानवापी को ‘बलिदान’ नहीं होने देंगे ! – मौलाना तौकीर रजा खां

ज्ञानवापी के स्थान पर एक भव्य शिव मंदिर हुआ करता था और उसे ध्वस्त कर वहां मस्जिद बनाई गई, यही वास्तविक इतिहास है और वर्तमान में भी यह प्रत्यक्ष सिद्ध हुआ है।

SANATAN PRABHAT EXCLUSIVE : पुलिस द्वारा भक्तों के साथ सद्‌व्यवहार – अयोध्या समारोह की सकारात्मक घटना !

रामोत्सव अर्थात श्रीरामलला की (श्रीरामजी के बाल रूप) प्राणप्रतिष्ठा समारोह ! इस समारोह में आरंभ से ही उत्तर प्रदेश पुलिसकर्मियों का भक्तों से अत्यंत अच्छा व्यवहार था । यह देखकर स्वयं की आंखों पर मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था  !

मेरठ (उत्तर प्रदेश) में पाकिस्तान को गोपनीय जानकारी देनेवाले सुरक्षा अधिकारी को बनाया गया बंदी

ऐसे लोगों को तत्परता से कठोर दंड देने से ही अन्यों को इसका धाक रहेगा !

औरंगजेब ने मथुरा का श्रीकृष्ण मंदिर गिराकर मस्जिद का निर्माण किया !

यदि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को ज्ञात है, तो यह भूमि हिन्दुओं को देने के लिए विभाग स्वयं प्रयास क्यों नहीं करता ?

अयोध्या में मुसलमान श्रद्धालुओं ने किए श्रीरामलला के दर्शन !

दीर्घ प्रतीक्षा के उपरांत यहां भव्य एवं दिव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हुआ है तथा गर्भगृह में श्रीरामलला विराजमान हुए हैं । मुसलमान श्रद्धालु भी श्रीरामलला के दर्शन के लिए वहां पहुंचे हैं ।

श्री रामलला विराजमान !

रामभक्त जिस क्षण की विगत ५०० वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे थे, उस क्षण का २२ जनवरी को दोपहर १२ बजकर २९ मिनट पर केवल देश के ही नहीं, अपितु समस्त विश्व के करोडों लोगों ने अनुभव किया !